झुंड से अलग विचरण कर रहा दंतैलबदल रहा लोकेशन, वन विभाग की टीम को जंगल में मिले पांव के निशान
कोरबा। हाथियों के झुंड से अलग विचरण कर रहा दंतैल बगदरा के बाद बतरा के जंगल पहुंच गया। इसकी पुष्टि उस वक्त हुई, जब सूचना पर वन अमला जंगल में पहुंचा। जंगल के भीतर पांव के निशान मिले। गांव के समीप जंगल में हाथी की धमक से ग्रामीण दहशत में हैं। हालांकि वन विभाग की टीम आसपास के गांव में मुनादी करा रही है। वनकर्मी स्कूलों में भी पहुंच रहे हैं। कटघोरा वनमंडल का जंगल हाथियों को भा गया है। वनमंडल के अंतर्गत आने वाले केंदई, पसान, एतमानगर वन परिक्षेत्र में लंबे समय से हाथियों का अलग अलग झुंड डेरा डाले हुए है। इस झुंड में लोनर हाथी भी शामिल हैं, जो झुंड से अलग होकर आबादी वाले क्षेत्र में भी पहुंच जाते हैं। दो दिन पूर्व चैतमा क्षेत्र में पांच हाथी के होने की बातें सामने आई थी, जबकि गुरूवार को एक हाथी पाली वन परिक्षेत्र के बगदरा पहुंच गया था। हाथी के पुन: अपने झुंड में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। इसके विपरीत लोनर हाथी बाता के जंगल में जा पहुंचा। शुक्रवार की सुबह कुछ ग्रामीण नगराही जंगल की ओर गए हुए थे। इसी दौरान उन्हें हाथी की चिंघाड़ सुनाई दी। वे हाथी को जंगल के भीतर विचरण करते देख बुरी तरह घबरा गए। किसी तरह गांव पहुंचे ग्रामीणों ने जंगल में हाथी के पहुंचने की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी संजय लकड़ा को दी। यह खबर मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी अपनी टीम के साथ जंगल पहुंचे। टीम को कक्ष क्रमांक एओ 565 व पी 105 में हाथी के पैर के निशान मिले। जिससे बाता के जंगल में हाथी के पहुंचने की पुष्टि हो गई। इसके साथ ही वन विभाग की टीम ने हाथी की निगरानी शुरू कर दी है। आसपास के गांव में मुनादी कराते हुए ग्रामीणों को जंगल की ओर नही जाने की समझाईश दी जा रही है। इसके अलावा वनकर्मी स्कूलों में भी पहुंच रहे हैं। वे शिक्षकों को हाथी के जंगल में विचरण करने की जानकारी दे रहे हैं। ताकि बच्चों को समय पर स्कूल से छुट्टी दी जा सके। वे सुरक्षित घर पहुंच सकें, इसका भी प्रयास किया जा रहा है।