Wednesday, July 30, 2025

तीन साल के बाद संयोग, इस बार भद्रा नहीं, बहनें पूरे दिन भाइयों को बांध सकेंगी राखी, रक्षाबंधन 9 अगस्त को, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का योग

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तीन साल के बाद संयोग, इस बार भद्रा नहीं, बहनें पूरे दिन भाइयों को बांध सकेंगी राखी, रक्षाबंधन 9 अगस्त को, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का योग

कोरबा। रक्षाबंधन का पर्व इस बार 9 अगस्त 2025 को पूरे देश में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्राकाल का साया नहीं रहेगा, यानी बहनें सुबह से लेकर शाम तक कभी भी अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
पिछले तीन वर्षों से भद्रा की वजह से राखी बांधने में देरी होती रही थी, लेकिन इस बार पूरा दिन शुभ और मंगलकारी रहेगा। ऐसे में यह रक्षाबंधन न केवल रिश्तों को और मजबूत करेगा, बल्कि एक विशेष संयोग के चलते यादगार भी बन जाएगा। इतना ही नहीं, इस रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है, जो इस पर्व को और अधिक मंगलकारी और फलदायी बना देगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन योगों में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 04 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व बेहद खास रहने वाला है। पूर्णिमा पर आमतौर पर भद्रा रहती है और भद्राकाल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। पिछले तीन साल से यही कारण रहा कि बहनों को राखी बांधने के लिए रात तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन इस बार भद्रा 8 और 9 अगस्त की मध्यरात्रि के बाद समाप्त हो जाएगी, जिससे 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधने के लिए शुभ समय रहेगा, क्योंकि भद्राकाल का साया नहीं रहेगा।
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सुबह से दोपहर तक रहेगा शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार रक्षाबंधन के दिन यानी 9 अगस्त शनिवार को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। बहनों को अपने भाइयों को राखी बांधने से पूर्व सबसे पहले एक राखी भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर अर्पित करनी चाहिए। ज्योतिषाचार्य के अनुसार बताए गए शुभ मुहूर्त में अपने भाई को पूर्व दिशा की ओर ओर मुख करके उनके मस्तक पर रोली, अक्षत और कुमकुम से तिलक करके भाई की दाहिनी कलाई पर उनकी राशि के अनुसार राखी बांधें और मुंह मीठा करें। इतना करने के बाद, भाई के सुख, उन्नति और निरोगी जीवन की कामना करें।

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