Friday, March 14, 2025

पड़ोसी जिले से पहुंचे 49 हाथियों ने मचाया भारी उत्पात, सुईआरा, पीडिय़ा व तुर्रीकटरा में फसल को रौंदा

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पड़ोसी जिले से पहुंचे 49 हाथियों ने मचाया भारी उत्पात, सुईआरा, पीडिय़ा व तुर्रीकटरा में फसल को रौंदा

कोरबा। जिले में हाथियों का उत्पात बढ़ गया है। पड़ोसी रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल से अचानक धमके 49 हाथियों के दल ने बीती रात कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में भारी उत्पात मचाया है। इस दौरान हाथियों ने रेंज के सुईआरा, पीडिय़ा व तुर्रीकटरा गांव में पहुंचकर वहां खेतों में तैयार धान की फसल को रौंद दिया। वहीं कुछ ग्रामीणों के खलिहान में रखे धान की फसल को चट करने के साथ ही नुकसान पहुंचाया। बड़ी संख्या में हाथियों के पहुंचने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गया है। हाथियों का दल अभी तुर्रीकटरा व पीडिय़ा के बीच जंगल में डेरा जमाए हुए है। आसपास के गांवों में मुनादी कराने के साथ ही अमला नुकसानी के आंकलन में भी जुटा हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक हाथियों के ताजा उत्पात में हजारों रुपए का नुकसान ग्रामीणों को उठाना पड़ा है। पीडि़तों को नुकसानी के आंकलन पश्चात् क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। जानकारी के अनुसार हाथियों का यह दल रात 12 बजे के लगभग धरमजयगढ़ वनमंडल से कुदमुरा व बड़मार के रास्ते करतला रेंज में प्रवेश किया। पहले हाथियों का दल जंगल ही जंगल विचरण कर रहा था, लेकिन बाद में यह दल सुईआरा गांव के निकट पहुंचा और वहां खलिहान में रखे धान की खरही को खाने तथा नुकसान पहुंचाने के पश्चात् पीडिय़ा में धान की खड़ी फसल को रौंद दिया। हाथियों का उत्पात इतने में ही नहीं थमा बल्कि तुर्रीकटरा के पास वहां भी धान की खरही को खाने तथा नुकसान पहुंचाने के बाद जंगल में जाकर विश्राम करने लगा। बड़ी संख्या में हाथियों के क्षेत्र में आने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना सुबह ग्रामीणों द्वारा दी गई जिस पर वन विभाग का अमला तत्काल मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी करने के साथ ही नुकसानी के आंकलन में भी जुट गया है। आसपास के गांव में अमला द्वारा मुनादी कराई जा रही है, जहां बड़ी संख्या में हाथियों के एकाएक आने से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं, वहीं कुदमुरा रेंज में भी एक दर्जन हाथियों की सक्रियता बनी हुई है। हाथियों के इस दल में 10 हाथी गुरमा तथा दो हाथी गीतकुआंरी में विचरण कर रहे हैं। हालांकि हाथियों ने यहां कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है फिर भी इसकी संभावना बनी हुई है। इसे देखते हुए वन विभाग सतर्कता बरत रहा है। हाथियों की लगातार निगरानी की जा रही है।
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पसान रेंज में भी बनी है 50 हाथियों की मौजूदगी
कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में हाथियों के दल ने कोडगार गांव में उत्पात मचाते हुए फसल को नुकसान पहुंचाया है। कोटगार गांव जिले के बार्डर में स्थित है। यहां भी 50 की हाथी सक्रिय है जो कि कोरबा व कोरिया जिले के बार्डर में पिछले तीन-चार दिनों से डेरा जमाए हुए हैं। हाथियों का यह दल कभी कोरबा जिले के जंगल व गांव में पहुंच जा रहा है तो कभी कोरिया जिले में पहुंचकर वहां स्थित गांव में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बार्डर में मौजूद हाथियों की निगरानी दोनों जिले के वन अमले द्वारा की जा रही है। अमले की यह कोशिश है कि हाथियों का यह दल उनके क्षेत्र में पहुंचकर कोई बड़ा नुकसान न पहुंचाने पाए।
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जान जोखिम में डालकर हाथियों को भगा रहे ग्रामीण
हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है जिले के सरहदी क्षेत्र में 50 हाथी मौजूद हैं। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर हाथियों को भगा रहे हैं। फसल को नुकसान से बचाने के लिए आग जला कर किसान हाथियों को भगा हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है।जानकारी के मुताबिक पिछले दो सप्ताह से कोरबा के पड़ोसी जिले कोरिया और जीपीएम के सीमावर्ती क्षेत्र कोटगार, बेलकामार गांव में लगातार हाथियों का मूवमेंट जारी है। जिसके चलते ग्रामीण सरकारी भवन में रात गुजार रहे हैं। हालांकि ये हालात लगभग पिछले पांच साल से बने हुए हैं। जब भी हाथी इन गांवों की सीमा से गुजरते हैं पसान, ऐतमानगर और केंद्ई रेंज के ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हो जाते हैं।इस जद्दोजहद के बीच वन विभाग सिर्फ खानापूर्ति कार्रवाई कर रहा है। वन विभाग की माने तो हाथियों से ग्रामीणों को दूर रहने की सलाह दी जा रही है। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराई जा रही है। वहीं शाम होते ही जंगल की ओर जाने से रोका जा रहा है। हाथियों की आने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे रेस्क्यू कर रही है वही हाथी दल निगरानी बनाए हुए है।

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