पहलवानों ने कुश्ती में दिखाए दांव पेंच, दंगल जैसे पारंपरिक खेल हमारी संस्कृति की पहचान-जयसिंह
कोरबा। दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में परंपरागत रूप से आयोजित विराट दंगल इस वर्ष भी जिले में आकर्षण का केंद्र बना रहा। जिले के 15 ब्लॉक में हुए इस भव्य आयोजन में न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड से आए नामी पहलवानों ने अपने दांव-पेंच से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दंगल में पहलवानों की भिड़ंत देखने हजारों की संख्या में लोग मैदान में जुटे। अखाड़े में जब पहलवानों ने कुश्ती के पारंपरिक दांव चलाए तो दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट और उत्साहजनक नारों से गूंज उठे। रोमांचक मुकाबलों को देखने का आनंद हर वर्ग के दर्शकों ने लिया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल शामिल हुए। उन्होंने कहा कि दंगल जैसे पारंपरिक खेल हमारी संस्कृति की पहचान हैं, जो युवाओं में जोश और अनुशासन दोनों का संचार करते हैं। साथ ही उन्होंने आयोजकों को बधाई दी। विराट दंगल की अध्यक्षता अविनाश बंजारे ने की। वहीं मंच पर पूर्व महापौर राजकिशोर, पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी, सूरज जायसवाल, रामप्यारे कुलवंत, सोनू यादव, रामप्रसाद यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। आयोजन समिति की ओर से विजेता पहलवानों को नकद पुरस्कार और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। दंगल के दौरान माहौल पूरी तरह से उत्सवमय हो गया। चारों ओर से बजते ढोल-नगाड़े, पारंपरिक गीत और दर्शकों की जयकारें अखाड़े को ऊर्जा से भरते रहे। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी ने इस खेल का भरपूर आनंद लिया। कई मौकों पर दर्शक जय बजरंगबली और भारत माता की जय जैसे नारों से वातावरण गुंजायमान कर देते थे। आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि दंगल को और भव्य बनाने तथा अधिक राज्यों के पहलवानों को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में इसे अंतरराज्यीय स्तर तक ले जाने की योजना है, ताकि यहां के खिलाड़ी और दर्शक देशभर के बेहतरीन पहलवानों का मुकाबला देख सकें। कुल मिलाकर जिले के 15 ब्लॉक में एक साथ हुए इस विराट दंगल ने परंपरा, खेल और उत्साह का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। इस आयोजन ने जहां ग्रामीण खेल संस्कृति को जीवित रखा, वहीं हजारों दर्शकों को रोमांचक क्षण भी प्रदान किए।