Thursday, September 18, 2025

पानी की तलाश में पहुंचे चीतल को कुत्तों ने नोंचा, उपचार के बाद भी नहीं बचाई जा सकी चीतल की जान

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पानी की तलाश में पहुंचे चीतल को कुत्तों ने नोंचा, उपचार के बाद भी नहीं बचाई जा सकी चीतल की जान

 

कोरबा। सूरज की तपिश बढ़ते ही जलस्त्रोत सूखने लगा है, जिसका असर जंगल में स्वच्छंद विचरण करने वाले जीव जंतुओं पर पड़ रहा है। वे भोजन व पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र की ओर कूच कर रहे हैं। इस दौरान कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं। ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसमें कुत्तों ने चीतल पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने घायल चीतल का उपचार कराया, लेकिन वे चीतल की जान नही बचा सके। घटना कोरबा वनमंडल के करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत कनकी सर्किल की है। बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह कुत्तों के भौंकने पर ग्रामीणों की नींद खुल गई। वे अपने अपने घरों से बाहर आ गए। इस दौरान उनकी नजर एक चीतल पर पड़ी। जिसे कुत्तों ने चारों ओर से घेर लिया था। ग्रामीणों ने चीतल की जान सांसत में देख कुत्तों को खेदड़ा। ग्रामीणों ने किसी तरह चीतल को पकड़ा तो उसके घायल होने की बातें सामने आई। उसे कुत्तों ने नोंच लिया था। जिसकी सूचना वन अफसरों को दी गई। वनकर्मी मौके पर पहुंचे। उनकी मौजूदगी में ग्रामीणों ने पशु चिकित्सक से चीतल का उपचार कराया। थोड़े ही देर बाद चीतल की मौत हो गई। बीते कुछ दिनों से गर्मी तेज हो गई है। गर्मी के कारण जलस्त्रोत सूखने लगे हैं। जंगल में प्रवाहित नदी नाले सहित अन्य स्त्रोतो में जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है। जिससे वन्यप्राणियों को भोजन और पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र की ओर कूच करने का सिलसिला शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने वन्यजीवों के लिए जंगल के भीतर पानी की व्यवस्था करने मांग की है। बहरहाल वन विभाग की टीम ने शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए मृत चीतल को जंगल के भीतर छोड़ दिया है।

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