प्रायमरी और मिडिल का सिलेबस बदला, आर्ट एंड क्राफ्ट और खेल शिक्षा भी पाठ्यक्रम में शामिल
कोरबा। स्कूली शिक्षा की बुनियाद को मजबूती देने के लिए शिक्षा सत्र 2025-26 में कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी और छठवीं के पाठ्यक्रमों को बदला गया है। सभी कक्षाओं के छात्रों को नई किताबें दी जा रही हैं। बार कोड्स स्कैन करने और एप्प वाली बाध्यता के बाद किताबें आने में देर जरूर हुई हैं। अब सारी किताबें लगभग पहुंच चुकी हैं। प्रायमरी और मिडिल स्कूलों की शुरुआती कक्षाओं में लगभग पूरे पाठ्यक्रम को बदल दिया गया है। छठवीं कक्षा में अब 6 की जगह कुल 9 विषय होंगे। पूरा फोकस छात्रों के सर्वांगीण विकास पर होगा। आर्ट एंड क्राफ्ट और खेल की शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों को देखने के बाद इसमें छत्तीसगढ़ के संदर्भ में आवश्यक संशोधन और अनुकूलन किया है। शिक्षा सत्र शुरू होने के डेढ़ माह बाद भी स्कूलों में छात्रों तक पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित किताबें नहीं पहुंच पाई थीं।इसका प्रमुख कारण कुछ कक्षाओं के पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ-साथ किताबों में अंकित क्यूआर कोड स्कैन करने में लेटलतीफी रही। पाठ्यक्रमों में संशोधन की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की थी। लेखकों, विशेषज्ञों, साहित्यकारों के सहयोग से चारों कक्षाओं के लिए नई किताबें तैयार की गई।वहीं सत्र 2026-27 में होने वाले बदलाव को लेकर एससीईआरटी द्वारा किताबें लिखने का काम शुरू किया है। नई किताबों को लिखने में विभिन्न स्कूलों, प्रशिक्षण संस्थानों के शिक्षकों व राज्य शिक्षा स्थायी समिति के सदस्यों की सक्रिय भूमिका रहेगी। नई शिक्षा नीति के अनुरूप किताबें तैयार की जाएंगी। इनमें राज्य के अनुसार संशोधन किया जाएगा। इसमें गणित व विज्ञान की किताबें अप्रभावित रहेंगी। जैसा एनसीईआरटी से बनकर आएगा, वैसा ही उसे रखा जाएगा, जबकि हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान की किताबों में छत्तीसगढ़ के संदर्भ में जरुरी संशोधन किया जाएगा।
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प्रायमरी में संस्कृति, परंपरा और पर्व जोड़े गए
विभिन्न राज्यों की संस्कृति, परंपरा और पर्व जोड़े गए एनसीईआरटी की 5वीं कक्षा की हिंदी भाषा की किताब वीणा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), गगनयान, गंगा नदी, राजा विक्रमादित्य से लेकर राजा भोज तक की कहानियां शामिल हैं। इसमें पहली बार छात्रों को विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों, परंपराओं और पर्वों को भी जोड़ा गया। छत्तीसगढ़ में 5वीं कक्षा की किताब में यहां की विभिन्न संस्कृतियों और पर्वों को शामिल किया जाएगा।
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छठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कुल 9 विषय
मिडिल स्कूल की पढ़ाई छठवी क्लास से शुरू होती है। फिलहाल छठवीं क्लास में अब गणित की जगह गणित प्रकाश, हिंदी की जगह मल्हार, संस्कृत की जगह दीपकम, इंग्लिश के जगह पूर्वी, विज्ञान की जगह जिज्ञासा की पढ़ाई होगी। इसी तरह सामाजिक विज्ञान की जगह समाज का अध्ययन भारत और उसके आगे का अध्ययन छात्र करेंगे। तीन और विषय अलग से जोड़े गए हैं. जिनमे कौशल बोध, कृति और खेल यात्रा शामिल हैं। कौशल बोध में व्यवसायिक ज्ञान बच्चा को दिया जाएगा. जिसमें साइकिल रिपेयर से लेकर अलग-अलग टूल्स को पहचानना और छोटे मोटे कार्यों को करवाया जाएगा. कृति में ड्राइंग, पेंटिंग, संगीत थिएटर की भी शिक्षा बच्चे प्राप्त करेंगे। इसी तरह खेल यात्रा में अलग-अलग खेलों के विषय में बताया गया है। शारीरिक व्यायाम और योग को भी शामिल किया गया।