बिजली की बढ़ती डिमांड के बीच एचटीपीपी की एक इकाई बंद
कोरबा। तापमान का पारा चढऩे के साथ ही गर्मी बढऩे लगी है। धूप अब चुभ रही है। इसी के साथ लोग गर्मी से बचने एसी, कूलर व पंखे का इस्तेमाल करने लगे हैं। खेतों में लगी रबी की फसल को भी सिंचने पंप का इस्तेमाल हो रहा है। जिससे बिजली की डिमांड में इजाफा हो गया है। मंगलवार को अधिकतम डिमांड 4800 मेगावाट के पार रही। डिमांड बढऩे के बीच राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के एचटीपीपी संयंत्र की तीन नंबर इकाई से बिजली उत्पादन बंद रहा। 210 मेगावाट की इस इकाई से उत्पादन बंद रहने के कारण 1340 मेगावाट के मुकाबले एचटीपीपी संयंत्र से 960 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। वहीं डीएसपीएम की दोनों इकाई फुल लोड पर चल रही थी। 500 मेगावाट क्षमता के मुकाबले 460 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन हो रहा था। मड़वा से 1000 क्षमता के मुकाबले 933 मेगावाट तक बिजली बन रही थी। राज्य उत्पादन कंपनी के कोटे से लगभग 2400 मेगावाट तक बिजली बन रही थी। ऐसे मेें बिजली की डिमांड पूरा करने सेंट्रल सेक्टर से लगभग 23सौ मेगावाट से अधिक बिजली लेनी पड़ रही थी। आने वाले दिनों में बिजली की डिमांड और बढ़ेगी। इस साल अधिकतम डिमांड 5500 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। बढ़ती डिमांड को देखते हुए संयंत्रों में पर्याप्त कोयला आपूर्ति पर जोर दिया जा रहा है, ताकि संयंत्रों में कोयले की कमी से उत्पादन गतिविधि प्रभावित न हो।