ब्रेकिंग न्यूज़…….अधिकारी ने विधानसभा को गुमराह करते हुए दिया गलत जवाब!, सूचना के अधिकार में कहा सचिवों पर नहीं हुई है कार्रवाही, विधायक ननकी के विधानसभा में पूछे गए सवाल पर कार्यवाही का दिया गलत-जवाब
कोरबा। जिले के अधिकारियों का नाम अब तक भ्रष्टाचार से जुड़ता रहा है। मगर अब अधिकारियों ने विधानसभा में भी गलत जानकारी देने की परंपरा शुरू कर दी है। यह बात हम हवा हवाई नहीं कह रहे है। बल्कि सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। सचिवों पर कार्यवाही को लेकर आरटीआई में जवाब दिया गया है कि कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जबकि विधानसभा में पूर्व विधायक ननकीराम कंवर के सवाल पर कार्यवाही होने का जवाब दिया गया है। इस तरह अधिकारियों ने या तो सूचना के अधिकार में गलत जानकारी दी है या फिर विधानसभा को गुमराह किया गया है। दोनों ही बात अपने आप में गंभीर है। वही सूचना के अधिकार के अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी गई थी कि सत्र 2019-20, 2020-21 और 2022-23 में कार्यालय उप संचालक पंचायत कोरबा, जिला पंचायत कोरबा (छ.ग.) के द्वारा पंचायतों में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिवों की विभागीय जांच की कार्यवाही की गई है। जिस पर आरटीआई के तहत जनसूचना अधिकार व उपसंचालक पंचायत द्वारा जवाब दिया गया है कि उक्त वित्तीय वर्ष में विभागीय जांच की कार्यवाही नहीं की गयी थी। इस तरह एक तरफ सूचना के अधिकार में कार्यवाही नहीं होने की जानकारी दी जाती है, दूसरी तरफ तत्कालीन रामपुर विधायक ननकी राम कंवर ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न क्रमांक 376 में सवाल पूछा था कि कोरबा जिला अंतर्गत करतला जनपद पंचायत में एकल हस्ताक्षर से राशि आहरण के दोषी किन-किन सचिवों पर निलंबन की कार्यवाही की गई है ? जिसका सदन में जवाब दिया गया कि जनपद पंचायत करतला में एकल हस्ताक्षर से राशि आहरण के संबंध में 8 सचिवों का निलंबन की कार्यवाही की गई। एक सचिव पूर्व से निलंबित था। शेष 15 सचिवों के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित करते हुए दो-दो वेतन वृद्धि रोककर अन्यत्र ग्राम पंचायत में स्थानांतरण किया गया है। वही दूसरा प्रश्न था कि क्या यह बात सही है कि ग्राम पंचायत सरगबुंदिया के सचिव द्वारा एकल हस्ताक्षर से राशि आहरण किया गया ? यदि हां तो ग्राम पंचायत सरगबुंदिया के सचिव को किन-किन पंचायत का प्रभार दिया गया है। जिसका जवाब दिया गया कि ग्राम पंचायत सरगबुंदिया के सचिव गितेन्द्र जायसवाल द्वारा एकल हस्ताक्षर से राशि आहरण किया गया है। सचिव गितेन्द्र जायसवाल को वर्तमान में ग्राम पंचायत सरगबुंदिया से स्थानांतरण कर ग्राम पंचायत उमरेली एवं (अतिरिक्त प्रभार ग्राम पंचायत कर्रापाली) का प्रभार दिया गया है। वही तीसरा प्रश्न था कि जनपद पंचायत करतला में आदर्श आचार संहिता पंचायत चुनाव 2019-2020 के दौरान पंचायतों द्वारा किस-किस व्यक्ति को कितनी-कितनी राशि का चेक जारी किया गया है ? जिसका जवाब दिया गया कि जनपद पंचायत करतला में आदर्श आचार संहिता पंचायत चुनाव 2019-2020 के दौरान 73 ग्राम पंचायतों में से 14 ग्राम पंचायत के सचिवों द्वारा एससी के माध्यम से राशि जारी तथा 33 ग्राम पंचायत के सचिवों के द्वारा दी गई जानकारी अनुसार राशि जारी नहीं की गई है। एक तरफ जनसूचना के अधिकार में उपसंचालक पंचायत द्वारा कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दी जाती है दूसरी ओर विधानसभा में अलग ही जवाब दिया जाता है। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जन सूचना अधिकारी उपसंचालक पंचायत कोरबा के द्वारा बताया गया है कि पंचायत सचिवों पर कार्रवाई नहीं की गई है। सचिवों पर किसी प्रकार की जांच तक नहीं चल रही है। वही बताया जाता है कि पूर्व सीईओ जनपद पंचायत करतला ने जानबूझकर विधानसभा को गुमराह करते हुए एक झूठा पत्र तैयार किया और छत्तीसगढ़ विधानसभा को गलत जानकारी भेजा गया था। इस पूरे मामले में जिला पंचायत के पूर्व सीईओ और उपसंचालक पंचायत कोरबा की भूमिका संदेह के दायरे में है।
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इस पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के लिए जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी संबित मिश्रा के पास पहुंचे। तो उन्होंने कहा कि मैं किसी प्रकार कि जानकारी इस मामले में नहीं दे सकता। वही सीईओ साहब ने कहा शिकायत करिए जांच करवाएंगे।