Saturday, March 15, 2025

मौसम खुलने के बाद कोयला उत्पादन में इजाफा के आसार

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मौसम खुलने के बाद कोयला उत्पादन में इजाफा के आसार

कोरबा। जिले में स्थित साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड गेवरा क्षेत्र की गेवरा कोयला माइंस में भारी बारिश के कारण शुक्रवार को हुए हादसे में बड़ी संख्या में चपेट में आए जो यहां पर ओवर बर्डन हटाने के काम में लगाए गए थे। कहां जा रहा है कि हर बार बारिश के मौसम में जब इस प्रकार की घटनाएं होती है तो स्थितियां ऐसी ही बन जाती हैं। घटना में कोयला कंपनी को किसी प्रकार के नुकसान होने की खबर नहीं है लेकिन यह कहा जा रहा है यह घटनाक्रम से कामकाज रुकने के कारण अप्रत्यक्ष रूप से असर जरूर पड़ा है। हालांकि शनिवार रात से मौसम खुला होने के कारण प्रभावित क्षेत्र में हालात बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है। कोल इंडिया की लाभकारी कंपनी में शामिल एसईसीएल में स्थित गेवरा कोल माइंस का नाम इसलिए सुर्खियों पर है क्योंकि वह कोल इंडिया के साथ-साथ देश नहीं बल्कि पूरे दुनिया की सबसे बड़ी माइंस में गिनी जाती है। गेवरा माइंस से कंपनी का लक्ष्य प्रस्तावित विस्तार के साथ एक वर्ष में 72 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का है। इसलिए यहां पर कई प्रकार के कार्य को बढ़ावा दिया गया है। आउटसोर्सिंग के अंतर्गत खदान से ऑफर बर्डन हटाने का कॉन्ट्रैक्ट केजे सिंह कंपनी को मिला हुआ है, जिसके ओबी फेस पर पिछले मध्य रात्रि को तेज बारिश के दौरान बड़ी मात्रा में ओवर बर्डन का मलबा बहकर आ गया। इसके प्रभाव से बड़ी संख्या में निजी कंपनी के वाहन आ गए। जबकि कुछ वाहन मौके पर गिर पड़े। हैवी मशीनरी का उपयोग खदान में प्राथमिक कार्य पूरा करने के लिए किया जाता है। घटना में सीधे तौर पर संसाधन की खराबी को लेकर सीधा नुकसान एसईसीएल को नहीं हुआ है, बल्कि यह कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी की परेशानी का विषय है। बीते कुछ घंटे से मौसम के रूप में सुधार हुआ है। बारिश बंद होने के साथ मौसम खुला हुआ है, इससे हालात बेहतर हुए हैं। इस दौरान उन वाहनों में जरूरी साफ सफाई करना संभव होगा जो कल बड़ी मात्रा में मलवा बहने के कारण प्रभावित हुए थे। इस घटना के चक्कर में एसईसीएल गेवरा माइंस में ओवर बर्डन हटाने से संबंधित प्रक्रियाएं बाधित हो गई थी। खबर है कि प्राकृतिक घटना से उत्पन्न स्थिति के बारे में कोयला कंपनी की ओर से ऊपर जानकारी भेज दी गई है।
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ओवर बर्डन हटाने आती है गिरावट
जानकारों का कहना है कि न केवल साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड बल्कि देश की सभी कोयला कंपनिया भारत के मौसम में संभावित खतरों को देखते हुए उत्पादन लक्ष्य कम लेकर ही चलती हैं। ताकि उनका काम भी चला रहे और आंच भी ना आने पाए। उदाहरण के तौर पर अगर गेवरा माइंस में गर्मी और ठंड के मौसम में प्रतिदिन 80 हजार टन ओवर बर्डन हटाया जाना है तो बारिश के मौसम में यही मात्र 20 से 25000 टन पर आकर ठहर जाती है। क्योंकि शीर्ष प्रबंधन भी मौसम के दौरान खदानों की स्थिति के बारे में भली भांति जानकारी रखता है। बताया गया कि बारिश की समाप्ति के बाद खदानों में उत्पादन से संबंधित सभी प्रकार के कार्यों में तेजी आ जाती है और फिर यह सिलसिला मौसम के सामान्य रहने तक यूं ही जारी रहता है।

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