युक्तियुक्तकरण के नाम पर 10463 विद्यालयों की बंदी के निर्णय पर लगाई जाए रोक, बसपा जिलाध्यक्ष ने राज्यपाल को लिखा पत्र
कोरबा। युक्तियुक्तकरण के नाम पर 10463 विद्यालयों के बंदी के निर्णय पर रोक लगाने की मांग को लेकर बसपा जिलाध्यक्ष फूलचंद सोनवानी ने राज्यपाल के नाम पत्र कलेक्टर को सौंपा है। श्री सोनवानी ने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण के नाम पर लिए गए निर्णय के तहत प्रदेश के 10,463 शासकीय विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। यह न केवल अविवेकपूर्ण है, बल्कि प्रदेश की सामाजिक शैक्षिक संरचना को गहराई से प्रभावित करने वाला निर्णय है। राज्य पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में देश के सबसे पिछड़े राज्यों में गिना जाता हैं। ऐसे में इस प्रकार का निर्णय अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सर्व समाज के गरीब तथकों के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर देगा। ये वह वर्ग है जो वर्षों से शिक्षा से वंचित रहे है और जिनके लिए सरकारी विद्यालयों ही शिक्षा का एकमात्र माध्यम है। इन विद्यालयों की बंदी लाखों बच्चों को स्कूल से वंचित कर देगी।बालिका शिक्षा पर विशेष प्रभाव डालेगी। शिक्षक वर्ग में असमंजस व बेरोजगारी को बढ़ाएगी। शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देगी, जिससे सामाजिक असमानता और अधिक गहराएगी। श्री सोनवानी ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 ए का पूरी तरह से उलंघन है। इस निर्णय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में संविधान के अनुरूप संसाधनों और शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विशेष पैकेज व योजना तैयार कर कमजोर वर्गों के बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण प्रदान किया जाए।
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बलौदाबाजार मामले में नहीं मिला न्याय
श्री सोनवानी ने पत्र में लिखा है कि 10 जून 2024 को जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में घटित एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में सतनामी समाज के कई निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसा कर जबरन गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जबकि उनका किसी प्रकार का प्रत्यक्ष दोष सिद्ध नहीं हुआ है। आज महीनों बीत जाने के बाद भी इन लोगों को न्याय नहीं मिल पाया है। पीडि़त परिवार मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से बुरी तरह से टूट चुके हैं। यह घटना सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। उक्त घटना की तत्काल न्यायिक जांच कराकर निर्दोष लोगों को इस प्रकरण से बाइज्जत बरी किया जाए। दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
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किसानों के साथ धोखा कर रही सरकार
श्री सोनवानी ने पत्र में कहा कि वर्तमान सरकार ने चुनाव के समय घोषणा किया था कि रबी फसल को भी सोसायटी में समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी, लेकिन सरकार बनने के बाद अपने वादे से पीछे हटकर किसानों के साथ धोखा कर रही है। आज किसान अपनी फसल को कोचियों के पास व मंडी में औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। सरकार अपने वादे के मुताबिक धान को सोसायटी के माध्यम से धान खरीदी कर 3100 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करे।