राखड़ परिवहन बना लोगों की परेशानी का कारण, पानी का छिडक़ाव कुछ हिस्सों में, अधिकांश स्थानों में है समस्या
कोरबा।बालको के राखड़ बांध से सडक़ मार्ग के जरिए होने वाला राखड़ परिवहन लोगों की परेशानी का कारण बन गया है। कंपनी के बांध से रोजाना सैकड़ों हाईवा राखड़ लेकर अलग-अलग दिशाओं के लिए निकल रहे हैं। गाड़ी से यह राखड़ सडक़ पर गिर रहा है। गाडिय़ों के चलने से यह राख हवा में उड़ रही है। स्थिति इतनी गंभीर है कि राखड़ बांध से लेकर परसाभाठा और राखड़ बांध से दर्री बराज तक की सडक़ राख से भरी पड़ी है। राख हवा में उड़ रही है इससे दोपहिया गाडिय़ों में चलने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। राख को हवा में उडऩे से रोकने के लिए प्रबंधन की ओर से भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। पूर्व में प्रशासन की ओर से बालको को कैप्सूल वाहन में राख परिवहन करने के लिए कहा गया था। मगर प्रबंधन ने प्रशासन के निर्देशों की अनदेखी की। अभी भी प्रबंधन की ओर से ठेके पर काम करने वाली कंपनियां खुली गाडिय़ों में बांध से राखड़ को लोड कर बाहर ले जा रही है। कई बार तिरपाल से राख को सही तरीके से नहीं ढंका जाता। गाड़ी से राख सडक़ पर गिरता रहता है। इससे सडक़ पर चलने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती है। सडक़ के आसपास निवासरत लोग भी राख से परेशान हैं।हालांकि बालको प्रबंधन ने सडक़ पर उडऩे वाली राख को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिडक़ाव कुछ हिस्सों में शुरू किया है लेकिन गाडिय़ों की संख्या इतनी अधिक है कि पानी कुछ ही देर में सुख जाता है। प्रबंधन की ओर से डस्ट स्वीपिंग मशीन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है लेकिन उक्त दोनों ही उपाय हवा में उड़ रही राख को नियंत्रित करने में सफल नहीं हुए हैं।