राम सा पुत्र और रावण सा शत्रु नहीं-प्रकाश शर्मा, भागवत कथा श्रवण करने उमड़ रहे श्रद्धालु
कोरबा। निहारिका चौक शिवाजी नगर में स्व सुमीत नामदेव के उत्तम गति के लिए उनके पिता नन्द किशोर नामदेव पत्नी तुलसी देवी नामदेव द्वारा अयोजित भव्य श्रीमद भागवत के चतुर्थ दिवस की कथा में भागवत सुनने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। जांजगीर चांपा जिला के पिसौद से आए कथा वाचक पंडित प्रकाश शर्मा कथा श्रवण करा रहे हैं। साथ ही उनके सुरीले गायकी से लोग झूम जा रहे हैं।चौथे दिन के कथा के मुख्य केंद्र बिंदु गज और ग्राह उद्धार, समुद्र मंथन, मोहानी अवतार, कच्छप अवतार, गंगा अवतरण, एकादशी प्रधान मबरीश जी की कथा भगवान वामन अवतार लेकर राजा बलि से दो पग में पृथ्वी और स्वर्ग को नाप कर तीसरा पैर बलि के सिर पर रख कर अगले मन्वंतर में बालि को इंद्र का आसान देने का आशिर्वाद रहा। उसके बाद गंगा अवतरण की कथा सुन लोगो के मन पवित्र हो गए, श्री राम जी की दिव्य कथा सुना कर महराज ने बताया कि श्री राम सा कोई पुत्र ना हुआ, रावण सा कोई शत्रु ना हुआ और हनुमान सा कोई वीर और भक्त न हुआ। श्री राम जी की कथा सुन लोग राम मय हो गए मानो अयोध्या धाम शिवाजी नगर ही हो। उसके बाद पंडित प्रकाश महाराज ने श्री कृष्ण जन्म की दिव्य कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि भगवान ने पूर्ण अवतार 16 कलाओं से युक्त पृथ्वी का भार उतारने, गौ, ब्राह्मण और धर्म की रक्षा के लिए देवकी के गर्भ से चतुर्भुज रूप में प्रकट हुए। देखते ही देखते छोटे छोटे दो हाथ वाले बालक बन कर लीला करनी शुरू कर दी। भगवान कृष्ण के जन्म पर सभी श्रद्धालु महाराज के भजनों पर ताली बजा-बजा कर उत्सव मनाते हुए थिरकने लगे। चारों ओर मानो स्वर्ग सा वातावरण छा गया।