रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर भू विस्थापितों ने किया गेट जाम, कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय मुख्य गेट पर प्रदर्शन
कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण,मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने,पुनर्वास गांव में बसे भू विस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने के सहित 9 सूत्रीय मांगो को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के मुख्य गेट को बंद करके घेराव शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में भू विस्थापित प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। भू विस्थापितों ने लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी पूर्व में दे दी थी। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने 9 सूत्रीय मांगो को लेकर 13 अगस्त को कटघोरा एसडीएम कार्यालय का घेराव करने के बाद मांगे पूरी नहीं होने पर 20 अगस्त को कुसमुंडा में खदानबंद की घोषणा की थी। प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भूविस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी को लेकर प्रभावित गांव में बैठक कर भू विस्थापित किसानों को एकजुट किया गया।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि कोयला उत्खनन के लिए 40 साल पहले किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था और आज भी हजारों भूविस्थापित किसान अपने जमीन के बदले रोजगार और बसावट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान सभा भूविस्थापितों के बर्बादी के खिलाफ भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी है। किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक,दीपक साहू आदि ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, बसावट, पुनर्वास गांव में पट्टा, किसानों की जमीन वापसी एवं अन्य समस्याओं को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और जिला प्रशासन के साथ मिलकर भू विस्थापितों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। इसलिए किसान सभा और भू विस्थापित संगठनों को मिलकर संघर्ष तेज करना होगा, ताकि सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ी जा सके। घेराव में 15 से अधिक प्रभावित गांव के भू विस्थापित किसान शामिल हुए।