रोजाना 450 से अधिक आई फ्लू के मरीज आ रहे सामने, आई फ्लू ने मोतियाबिंद ऑपरेशन पर लगाया ब्रेक
कोरबा। जिले में आंखों के मरीज बढ़ते चले जा रहे हैं।जिले में एक पखवाड़े के भीतर शासकीय व निजी अस्पतालों में आई फ्लू (आंख आना) के लक्षण से पीडि़त लगभग 400 से 450 से अधिक मरीज रोजाना सामने आ रहे हैं। आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) का असर बढ़ता जा रहा है। इसका असर मोतियाबिंद ऑपरेशन पर पडऩे लगा है। ऑपरेशन के बाद मरीजों के आइ फ्लू के इनफेक्शन होने से आंख खराब होने की आशंका बढ़ सकती है। इस कारण नेत्र रोग विशेषज्ञों ने आंखों की सुरक्षा को लेकर ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से डॉक्टर अब आई फ्लू का संक्रमण कम होने का इंतजार कर रहे है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण को देखते हुए मोतियाबिंद ऑपरेशन पर रोक लगाने की बात कही है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जिले में एक अगस्त से 15 अगस्त तक के भीतर में आंख लाल होना, सूजन होना, कीचड़ आना, पानी निकलना जैसी आई फ्लू लक्षण के 5512 मरीजों ने अस्पतालों में इलाज कराया है।इनफेक्शन के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसका असर मोतियाबिंद ऑपरेशन पर पडऩे लगा है। संक्रमण के खतरे को देखते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञों ने ऑपरेशन का काम बंद कर दिया है। इस कारण मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि आई फ्लू फैलने वाली बीमारी है। आई फ्लू से पीडि़त मरीज के संपर्क में बार-बार आने से इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस बीच आंख के ऑपरेशन के बाद आई फ्लू का इनफेक्शन होता है, तो इससे आंख के लिए खतरा साबित हो सकता है। इस कारण चिकित्सकों ने आंखों के ऑपरेशन से बच रहे हैं। हालांकि किसी व्यक्ति का आंख में अधिक परेशानी है या फिर स्थिति गंभीर है। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन की सलाह दी जा रही है। ज्यादातर मरीजों को ऑपरेशन से बच रहे हैं। ताकि आंख पर बुरा प्रभाव नहीं पड़े। आई फ्लू संक्रमण से पीडि़त मरीज तीन से पांच दिनों के भीतर ठीक हो रहे हैं, लेकिन आंख में इस तरह लक्षण दिखने पर इलाज कराएं और चिकित्सकों की सलाह पर दवाईयां लें। इससे आंख में संक्रमण के बढऩे का खतरा कम होगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट जारी किया था।