शहर के जर्जर सड़कों की स्थिति सुधारने कलेक्टर व आयुक्त को सौंपा गया ज्ञापन, 7 दिन में मरम्मत नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
कोरबा। शहर के मुख्य प्रवेश मार्ग गौमाता चौक, ईमलीछापर चौक तथा कटघोरा रोड की स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है। इन मार्गों पर दुर्घटना, वाहन चालकों के रोज़ाना गिरकर घायल होने की खबरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। शहर के मुख्य एंट्री पॉइंट की दुर्दशा से सरकार की बदनामी हो रही है। उक्त तीनों प्रवेश मार्ग के सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव के लिए जिम्मेदारी पी.डब्ल्यू.डी. विभाग की है, जिसका कर्तव्य निर्वहन के लिए कलेक्टर जिम्मेदार अधिकारी हैं। बारिश का बहाना बनाकर ये विभाग लापरवाही एवं कर्तव्यविमुढता से नहीं बच सकते क्योंकि इसी देश के इंजीनियर पानी के भीतर बड़े-बड़े निर्माण कार्य कर रहे हैं। यदि जिम्मेदारी विभाग के अधिकारियों काम नहीं कर पा रहे हैं तो खनिज मद से राशि स्वीकृत कर नगर निगम को कार्य एजेंसी बनाया जाए तथा मुख्य प्रवेश मार्गों का निर्माण एवं रखरखाव की जिम्मेदारी निगम को दिया जाए। उक्त बातें नगर पालिक निगम के सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने कही है। उनका है कि शहर के मुख्य प्रवेश मार्गों की दुर्दशा एवं गड्ढों में गिरकर लोगों के घायल होने की घटनाओं को आंख मूंदकर नहीं देख सकते हैं। कोरबा कलेक्टर एवं एक सप्ताह के भीतर इन प्रवेश मार्गों में स्थित जानलेवा गड्ढों की मरम्मत एवं नवनिर्माण के लिए उपाय करने का निवेदन किया अन्यथा सड़कों की दुर्दशा पर आक्रोशित आम जनता के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा। आयुक्त नगर पालिक निगम को भी कोरबा जोन अंतर्गत डीडीएम चौक, ओवर ब्रिज के नीचे मेन रोड के गड्ढो को तत्काल सुधार कराने का निवेदन किया गया है। कोरबा जोन अधिकारी के लापरवाही से मामूली रुप से क्षतिग्रस्त सडको में बडे बडे गड्डे बन गए है यदि प्रारंभिक स्तर पर इनकी मरम्मत कर दिया जाता तो मेन रोड की आज यह दुर्दशा नही होती। अधिकारी की लापरवाही एवं निष्क्रियता से अब लाखों रुपए खर्च कर इन सड़कों का निर्माण करना पडेगा। कोरबा जिले में खनिज न्यास मद से हर साल लगभग 600 करोड रुपए का राजस्व मिलने के कारण शासन स्तर पर नगर निगम को राशि नही मिलता है। जिले की आधी आबादी नगर निगम में निवासरत है लेकिन खनिज न्यास मद के अधिकांश राशि का उपयोग शहर के विकास में खर्च करने के बजाय दूरस्थ इलाको में खर्च किया जा रहा है। अनुपयोगी भवनों तथा योजनाओ में करोडो रुपए बर्बाद किया जा रहा है जबकि शहर के प्रवेश मार्गों की दुर्दशा से लोग रोजाना गड्डो में गिरकर घायल हो रहे है। जिम्मेदार अधिकारियो के निकम्मेपन तथा लापरवाही से हर साल सडको की स्थिति दयनीय हो जाती है। कोरबा शहर के एंट्री पांईट की ऐसी दुर्दशा है तो शहर के भीतर की सुंदरता व्यर्थ है क्योकि कोरबा आने-जाने वाले अन्य जिले के निवासियो के मन मस्तिष्क में जानलेवा गड्डे अमिट छाप छोड रहे है। गौमाता चौंक पर 3-4 बार स्थानीय लोगो ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया है, इमलीछापर में व्यापारियो ने कीचड में नहाकर विरोध प्रदर्शन किया इसके बाद भी इन सडको की दशा नही सुधर सकी। कलेक्टर एवं आयुक्त से मांग किया गया है कि सडको की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार अधिकारियो पर कड़ी कार्यवाही करें। खनिज न्यास मद से टास्क फोर्स का गठन करें जो सडके खराब होने की सुचना पर प्रारंभिक स्तर पर मुख्य सडको की मरम्मत करें इससे समस्यो से जनता को शीघ्र राहत मिलेगी तथा सडको की दुर्दशा विकराल होने पर निर्माण में होने वाले करोडो रुपए की बचत होगी।लोक सेवको तथा जनप्रतिनिधियो के लिए आम जनता का हित सर्वोपरि है। कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निगम को सभापति ने आम जनता की ओर से सूचना दिया गया है कि शहर के मुख्य प्रवेश मार्ग गौमाता चौक, इमलीछापर चौक तथा मेन रोड कोरबा की सडको की दयनीय स्थिति में 7 दिवस के भीतर सुधार कार्य नही किया गया वरना आम जनता के साथ मिलकर जनहित में आंदोलन करने मजबूर होंगे।