शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिव फिर करेंगे आंदोलन,18 मार्च से ब्लाक मुख्यालय में करेंगे अनिश्चितकालीन हडताल
कोरबा। चुनावों के बाद अब पूर्व् की घोषणाओं और वादों की याद दिलाते हुए आंदोलन,हड़ताल की चेतावनी का दौर शुरू हो गया है। इस कड़ी में पंचायत सचिवों ने मोदी की गारंटी की याद दिलाते हुए राज्य सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को ज्ञापन प्रेषित किया है। प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पैकरा ने कहा है कि विधानसभा चुनाव वर्ष 2023-24 में मोदी की गांरटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया है। 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को शासकीयकरण की गांरटी दी गई है। इस संबंध में 7 जुलाई को इन्डोर स्टेडियम रायपुर के सभागार में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, मंत्री महिला बाल विकास विभाग तथा घोषणा पत्र की संयोजक सांसद दुर्ग की उपस्थिति के बीच सभी के द्वारा पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को अति आवश्यक मानते हुये शीघ्र ही शासकीयकरण करने का भरोसा देते हुये मुख्यमंत्री द्वारा मोदी की गांरटी को पूरा करने तत्काल कमेटी गठन करने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरूप 16 जुलाई को पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति गठन कर 30 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु उल्लेख किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में कमेटी द्वारा पंचायत सचिवों के शासकीयकरण के संबध में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। जिस पर पंचायत सचिवों को पूर्ण विश्वास था कि रिपोर्ट अनुसार बजट सत्र में शासकीयकरण का सौगात प्रदान किया जायेगा, किन्तु बजट सत्र में घोषणा नहीं होने एवं इस विषय पर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं करने के कारण प्रदेश के पंचायत सचिव क्षुब्ध एवं आक्रोशित हैं। इसे लेकर प्रदेश पंचायत सचिव संघ के द्वारा 10 मार्च को धर्मनगरी कवर्धा में बैठक कर निर्णय लिया गया कि 17 मार्च को प्रदेश के समस्त सचिवों द्वारा विधानसभा घेराव एवं 18 मार्च से ब्लाक मुख्यालय में अनिश्चित कालीन हडताल की जाएगी।1 अप्रैल को मंत्रालय घेराव करने का निर्णय लिया गया है।