Thursday, March 13, 2025

संतान के सुख व परिवार की समृद्धि के लिए महिलाओं ने रखा हलषष्ठी व्रत, बाजार में रही रौनक, हलषष्ठी पूजा उपरांत किया व्रत का पारण

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संतान के सुख व परिवार की समृद्धि के लिए महिलाओं ने रखा हलषष्ठी व्रत, बाजार में रही रौनक, हलषष्ठी पूजा उपरांत किया व्रत का पारण

कोरबा। संतान सुख व परिवार की समृद्धि के लिए भादो कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाई जाने वाली हलषष्ठी पूजा मंगलवार को आयोजित की गई। इसके लिए श्रद्धालु महिलाओं ने व्यापक तैयारी कर ली थी।पूजन सामग्री के लिए बाजार में खरीदारी के लिए रौनक बनी रही। पर्व में लगने वाले पूजन सामानों के साथ खास तौर पर पसहर चावल की मांग बढ़ी रही। महिलाओं ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर व्रत का पारण किया।
हलषष्ठी पर्व में महिलाएं निर्जला व्रत रखकर हलषष्ठी देवी की पूजा विधि-विधान से करती हैं। जिसे लेकर सुबह से ही तैयारी शुरू हो गई थी। पूजन स्थल मेंं गड्ढा खोदकर सरोवर बनाया बनाया गया, जिसमें सांवा कुटकी के पौधे को रोप कर हलषष्ठी देवी की स्थापना की गई। महिलाओं ने षष्ठी देवी की कथा श्रवण कर संतान सुख की कामना की। देवी पूजा में पूजा में भैंस के दूध व पसहर चावल से बने भात का भोग लगाया गया। इस दिन व्रती महिलाओं का हल चले जमीन पर चलना वर्जित होता है। भुना हुआ महुआ व मुनगा के पत्तों की सब्जी बनाकर हलषष्ठी देवी को प्रसाद के रूप में चढ़ावा किया जाता है। महिलाएं इस व्रत की तैयारी को लेकर घर की सापु-सपुाई व लिपाई-पोताई में जुटी रही। पर्व में पोताई का विशेष महत्व होता है। पूजा के पूर्व स्थल मेंं जिस पुतनी का उपयोग किया जाता है, उसी सेहलषष्टी पूजा के पश्चात माताएं पुत्र पुत्रियों की पीठ पर पुतनी देती हैं। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि संतान पर आने वाली सभी विघ्न बाधाएं दूर होती हैं। शहर के विभिन्न मंदिरों में हलषष्ठी पूजन का आयोजन किया गया। इसकी तैयारी मंदिर परिसर में पुजारियों द्वारा की गई थी।संतान सुख व परिवार की समृद्धि की कामना के लिए की जाने वाली हलषष्ठी पूजा में महिलाओं का उत्साह देखा गया।

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