सफेद हाथी साबित हो रहा 70 लाख की लागत का फुट ओवर ब्रिज, अभी भी बुधवारी बाजार के मुख्य मार्ग पर खड़ी हो रही है वाहन
कोरबा। बुधवारी बाजार के निकट 70 लाख की लागत से बना फुट ओवर ब्रिज उपयोगहीन साबित हो रहा है। बाजार में लग रही अवैध पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए इसका निर्माण किया गया, ताकि जैन मंदिर के पीछे मैदान में वाहनों को खड़ा कर लोग ओवर ब्रिज से बाजार तक पहुंच सकें। पुल बनने के बाद भी लोग बाजार में वाहन पार्किंग कर रहे हैं, जिससे मुख्य मार्ग में आवागमन बाधित रहता है। बुधवारी बाजार शहर का सबसे बड़ा बाजार है। कोरोना काल के चलते साप्ताहिक बाजार अब हटरी में तब्दील हो गए हैं। दैनिक सामानों की खरीदी के लिए यहां हर रोज भीड़ लगी रहती है। बाजार के साथ सबसे बड़ी सब्जी मंडी होने के कारण बड़ी वाहनों के साथ यहां वाहनों की रोज अवैध तरीके से पार्किंग लगती है। इससे मुख्य मार्ग में वाहनों के आवागमन में असुविधा होने के साथ आए दिन छोटी बड़ी दुर्घटनाएं होते रहती हैं।इस समस्या से मुक्ति के लिए निगम प्रशासन ने फुट ओवर ब्रिज का निर्माण तो कराया है, लेकिन इसकी सही उपयोगिता साबित नहीं हो रही। वाहनों को बाजार के दूसरे छोर में रखकर फुट ओवर ब्रिज से बाजार आने के लिए सुरक्षित उपयोग करने के बजाय लोग सडक़ किनारे ही वाहन खड़ा कर रहे हैं। उपयोग कराने की जिम्मेदारी यातायात विभाग की है, लेकिन अमल नहीं कराए जाने के कारण 70 लाख का फुट ओवर ब्रिज उपयोग हीन साबित हो रहा।बाजार से आए दिन वाहनों की चोरी होती है। भीड़ भरा इलाका होने के कारण यह क्षेत्र वाहन चोरों के लिए सुरक्षित स्थान बन गया है। यातायात विभाग की ओर पार्किंग की व्यवस्था में सुधार नहीं करने से फुट ओवर ब्रिज का सही उपयोग नहीं हो रहा है।
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मुख्य सडक़ बना मवेशियों का डेरा
बाजार से लगा मुख्य मार्ग मवेशियों का डेरा बन कर रह गया है। बाजार और मंडी से फेके गए खराब सब्जियों को खाने के लिए मवेशी यहां झुंड में एकत्र होते हैं। दिनभर बाजार में भटकने के बाद सडक़ के बीचों बीच खड़े रहते हैं।