सरगबुंदिया कोल साइडिंग के खिलाफ विधायक और सांसद प्रतिनिधि के बाद अब ग्रामीण हुए लामबंद, कोल साइडिंग एवं बरपाली बस स्टैण्ड से स्टेशन रोड में कोल परिवहन बंद कराने कलेक्टर से शिकायत, दी आंदोलन की चेतावनी
कोरबा। सरगबुंदिया रेल्वे स्टेशन में कोल साइडिंग एवं बरपाली बस स्टैण्ड से स्टेशन रोड में कोल परिवहन तत्काल बंद करने की मांग तेज हो गई है। रामपुर विधायक ननकीराम कंवर और सांसद प्रतिनिधि धनेश्वरी कंवर के बाद अब बरपाली और सलिहाभाठा के ग्रामीणों ने कोल साइडिंग और परिवहन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कोल साइडिंग एवं बरपाली बस स्टैण्ड से स्टेशन रोड में कोल परिवहन बंद कराने कलेक्टर को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा है। एक सप्ताह के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले कुछ महीने से सरगबुंदिया रेल्वे स्टेशन को कोल साइडिंग बना दिया गया है। बरपाली बस स्टैण्ड से स्टेशन रोड को कोल परिवहन मार्ग में परिवर्तित कर दिया गया है। जिससे ग्रामवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरगबुंदिया रेल्वे साइडिंग से बरपाली के अलावा आसपास के गांव बंधवामांठा, सलिहाभाठा, सरगबुदिया, डोंगरीभांठा आदि भी प्रभावित हो रहे हैं। सभी गांवो की जनता कोल डस्ट से परेशान हो गई है। साथ ही कृषि भूमि पर भी असर पड़ रहा है। ज्ञात हो कि वर्ष 2010 में तत्कालीन जिला कलेक्टर द्वारा इस मार्ग में कोयला परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया था। बावजूद इसके इस मार्ग में कोयला परिवहन पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। जिस मार्ग से कोयला परिवहन किया जाता है उस मार्ग में दो स्कूल, दो बैंक के अलावा आवासीय क्षेत्र है। कोल परिवहन से ग्रामीणों के साथ साथ छोटे स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उक्त समस्या से पहले भी ग्रामीणों द्वारा प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, किन्तु प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आगामी एक सप्ताह में सरगबुंदिया कोल साइडिंग को बंद करते हुए कोल परिवहन पर रोक लगाई जाए। यदि उनके पत्र पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है। कोल साइडिंग के खिलाफ पूर्व में विधायक ननकीराम कंवर और सांसद प्रतिनिधि धनेश्वरी कंवर शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद भी प्रशासन ने उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। अब देखना होगा कि ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन क्या रुख अपनाता है।