सरगबुंदिया, मड़वारानी रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की दरकार, यात्रियों को हो रही परेशानी, चाम्पा स्टेशन की लगानी पड़ रही दौड़
कोरबा। कोरबा -चाम्पा रेल खण्ड का सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन तहसील मुख्यालय बरपाली से लगे होने के बावजूद यात्री सुविधाओं को लेकर रेलवे प्रबंधन एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से उपेक्षित है ।दशकों की मांग के बावजूद स्टेशन से होकर नियमित गुजरने वाली हसदेव एक्सप्रेस एवं लिंक एक्सप्रेस का ठहराव यहाँ नहीं हो सका । जिससे इस स्टेशन से लगे दर्जनों गांव लोगों को एक्सप्रेस ट्रेनों को पकडऩे चाम्पा स्टेशन की दौड़ लगानी पड़ रही। क्षेत्र की जनता के हिस्से में यात्री सुविधाओं के नाम पर मायूसी ही हाथ लगी है। कोरबा -चाम्पा रेल खण्ड के मध्य में सरगबुंदिया एवं मड़वारानी स्टेशन अवस्थित है। सरगबुंदिया जहाँ बरपाली तहसील से लगा व्यस्तम रेलवे स्टेशन है वहीं मां मड़वारानी में अंचल की प्रसिद्ध देवी पर्वतवासिनी मां मड़वारानी अवस्थित हैं। जहाँ प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश से लाखों श्रद्धालु मनोवांछित फल की कामना लिए मत्था टेकने पहुंचते हैं, लेकिन ये दोनों स्टेशन आज भी एक्सप्रेस ट्रेनों की सुविधाओं के नाम उपेक्षित हैं। प्रतिदिन इन दोनों स्टेशनों से होकर हसदेव (रायपुर -कोरबा) एक्सप्रेस एवं लिंक (कोरबा -विशाखापट्टनम ) एक्सप्रेस गुजरती है ,लेकिन दोनों ही एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव यहाँ नहीं हो सका। जिसकी वजह से इन स्टेशनों से लगे दर्जनों गांव के लोगों को रायपुर की ओर आवागमन के लिए चाम्पा स्टेशन का रुख करना पड़ता है। इन दोनों रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन सैकड़ों मालगाड़ी गुजरती हैं ,निश्चित तौर पर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला ढुलाई की रफ्तार बढ़ाना आवश्यक है ,लेकिन रेल प्रबंधन ने कोरबा -चाम्पा के मध्य के इन महत्वपूर्ण स्टेशनों में उस अनुपात में यात्री सुविधाओं का विस्तार करने की ओर कभी ध्यान नहीं दिया। एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की बात तो दूर सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में रेलवे प्रबंधन यात्रियों को तकलीफ देने कोई कसर नहीं छोंड़ती।प्लेटफार्म नंबर 2 से लगे गुड्स साइडिंग ट्रेक में हमेशा मालगाड़ी या अन्य लगेज वैगन खड़ी रहती हैं। जिससे फुट ओवर ब्रिज का कोई महत्व नहीं रह जाता। यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर 1 में आकर एफओबी से प्लेटफार्म नंबर 2 में आकर गाड़ी पकडऩी पड़ती है। कई मौकों पर हड़बड़ी में कई यात्री मालगाड़ी के नीचे से जाकर खतरा मोल लेते हुए ट्रेन पकड़ते हुए नजर आते हैं।
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तो बिल्हा के साथ सरगबुंदिया व मड़वारानी भी होते लाभान्वित
लोगों ने बताया कि बिलासपुर -रायपुर रेल खण्ड के बीच बिल्हा रेलवे स्टेशन में 29 अगस्त 2023 से हसदेव एक्सप्रेस का ठहराव पुन: शुरू कर दिया गया। यह प्रयास महज जनप्रतिनिधियों की सक्रियता का ही परिणाम है । ऐसे प्रयास कोरबा के जनप्रतिनिधियों की ओर से देखने को नहीं मिली। कोरबा की रेल संघर्ष समिति का भी पूरा फोकस कोरबा रेलवे स्टेशन से ही यात्री सुविधाओं के विस्तार को लेकर देखने को मिली। कोरबा से चाम्पा जंक्शन की दूरी 40 किलोमीटर है। इस फासले के बीच 5 रेलवे स्टेशन हैं जिनमें कहीं ही इन एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज(ठहराव) नहीं है । इस लिहाज से भी सरगबुंदिया या मड़वारानी में इन एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव दिया जा सकता है।
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प्रतिवर्ष 48 हजार से अधिक यात्री
सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन को देखें तो गत वित्तीय वर्ष 2024 -25 में इस स्टेशन से 31 हजार 470 टिकट बिके। 48 हजार 64 यात्रियों ने ट्रेन से यात्रा की। टिकट बिक्री के तौर पर रेलवे को 11 लाख 15 हजार 412 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इस तरह देखें तो औसतन प्रतिमाह 4 हजार 5 यात्रियों ने सफर की। चालू वित्तीय वर्ष 2025 -26 में जुलाई माह तक अब तक 11 हजार 36 टिकट बिके ,जिसमें 17 हजार 895 यात्रियों ने सफर की। जिससे 3 लाख 42 हजार का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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महज इन ट्रेनों का ठहराव
बात करें यात्री ट्रेनों की ठहराव की तो सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में महज 4 ट्रेनों का ही ठहराव होता है। इनमें अप दिशा से गेवरारोड -रायपुर मेमू स्पे0 ,कोरबा अमृतसर छ.ग.एक्सप्रेस, गेवरा ईतवारी शिवनाथ पैसे.कम एक्सप्रेस ,कोरबा बिलासपुर मेमू का ठहराव होता है। डाउन दिशा में बिलासपुर -गेवरारोड पैसे.स्पे0 (08212,08210),रायपुर -गेवरारोड मेमू स्पे0 एवं बिलासपुर कोरबा मेमू शामिल है।