सावन पार्ट-2 की बंपर ओपनिंग, झमाझम बारिश
कोरबा। सावन का दूसरा भाग राहत लेकर आया है। सावन की झड़ी लगी हुई है। लगातार हो रही बारिश से खेतों की प्यास जहां बुझी है, वहीं नदी नाले उफान पर आ गए हैं। मौसम में भी नमी के साथ तापमान में गिरावट आ गई है। लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। आगामी दिनों में भी अच्छी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जाहिर की है।
ऊर्जाधानी में 24 घंटो से वर्षा हो रही है। रात में रुक-रुककर बादल बरसे। फिर बुधवार को भी पूरे दिन झड़ी लगी रही। यह देर रात तक जारी रही। वातावरण में नमी महसूस हो रही है। तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है। चार अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक यह स्थिति बन सकती है। फिलहाल लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली है। खुशनुमा मौसम का खूब लुत्फ उठा रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून द्रोणिका पश्चिमी छोर हिमालय की तराई में व पूर्वी छोर गोरखपुर, गया, बंकूरा, गहरा अवदाब के केंद्र से होते हुए पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में तीन अगस्त को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी से अति भारी वर्षा होगी। बुधवार को मौसम विभाग ने रायगढ़, कोरबा व सरगुजा जिले के एक दो स्थानों में अति भारी वर्षा व अचानक बाढ़ आने की संभावना जताते हुए तीन अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, रायपुर,बालोद समेत कोरिया सूरजपुर, जशपुर, बलरामपुर एवं पेंड्रा को आरेंज अलर्ट पर रखा है। चार अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे तक के लिए बिलासपुर, मुंगेली व कोरबा को येलो तथा कोरिया, सूरजपुर, पेंड्रा एवं बलरामपुर को आरेंज अलर्ट की चेतावनी दी है।
बॉक्स
निचली बस्तियों में भरा पानी
जिले मे लगातार हो रही बारिश के चलते निचली बस्तियों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यहां तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हसदेव नदी में लेवल बढ़ गया है। दर्री बांध से जल का भराव कम करने के लिए यहाँ से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे सीतामणी में नदी किनारे बसी बस्तियों में बाढ़ आ गयी है। यहाँ से लोगों अपने घर को छोड़कर सुरक्षित स्थानों मे जा रहा है।कोरबा के सीतामणी विश्राम गृह के सामने बसी बस्ती में हालात बिगड़ने लगे है। बस्ती में नदी का पानी घुस गया है जिससे कई घर डूब गए है। बाढ़ की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई वैसे ही बस्ती में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने में जुट गए।बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर जिस तरह से बाढ़ की स्थिती निर्मित हुई है उसे लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़े किया है। उनका कहना है कि बिना सूचना दिए बांध से नदी में पानी छोड़ दिया गया वही नदी के टापू में लगभग दो दर्जन मवेशी फंस गए हैं जिसे निकालने के लिए मवेशी मालिक को जद्दोजहद करनी पड़ रही है।