Sunday, July 20, 2025

सावन मास के प्रत्येक सोमवार में बन रहे कई शुभ संयोग, सात बार सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा छह अन्य योग रहेंगे विशेष फलदायी

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सावन मास के प्रत्येक सोमवार में बन रहे कई शुभ संयोग, सात बार सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा छह अन्य योग रहेंगे विशेष फलदायी

 

कोरबा। भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन मास 11 जुलाई से शुरू हो चुका है। सावन इस बार 29 दिन का होगा। 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। सावन में इस बार 4 सोमवार पड़ेंगे। पहले सोमवार को आयुष्मान योग बन रहा है।
भगवान शंकर का प्रिय महीना सावन 11 जुलाई से प्रारंभ हो गया है और 9 अगस्त तक रहेगा। इस साल सावन 29 दिनों का होगा। शिवजी को समर्पित सावन माह में कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और बढ़ रहा है। इस साल सावन महीने में सात बार सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा छह अन्य योग भी अलग-अलग तिथियों को बन रहे हैं। इसके अलावा इस साल सावन में हर व हरि की एक साथ उपासना का शुभ संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि सावन में बनने वाले कई शुभ संयोग के कारण यह महीना शिव भक्तों के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली रहने वाला है। सावन महीने को लेकर पावरसिटी के शिव मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है। बिजली के छोटे-छोटे बल्बों और झालरों से मंदिरों को सजाया जा रहा है। मंदिरों में जहां भगवान शिव का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसके अलावा घरों में और अन्य स्थानों में विशेष पूजन का भी आयोजन किया जा रहा है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सावन माह की शुरुआत शुक्रवार से हुई है और रक्षाबंधन के दिन शनिवार होगा। शुक्रवार को शुक्र प्रधान पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और प्रवार्धमान योग है। इससे मन और शरीर को साधने का अवसर मिलेगा। साथ ही सावन महीने में में दो बार श्रवण नक्षत्र पड़ रहा है।ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष के चारों सावन सोमवार सिर्फ व्रत-पूजा तक सीमित नहीं होंगे।प्रत्येक दिन अपने विशिष्ट योग के कारण जीवन के भिन्न-भिन्न आयामों को सकारात्मक दिशा दे सकता है। उचित मंत्र, दान-पुण्य व साधना के साथ यदि भक्त शिवभक्ति में लीन हों, तो आरोग्य, सफलता, धन-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति सभी प्रकार की कृपा सहज ही प्राप्त हो सकती है।
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इस बार आने वाले चारों सोमवार की विशेषताएं
0सावन का पहला सोमवार – 14 जुलाई
विशेष योग- धनिष्ठा नक्षत्र, आयुष्मान योग।
दुर्लभ संयोग- गणेश चतुर्थी का संयोग।
0 सावन का दूसरा सोमवार -21 जुलाई
नक्षत्र: रोहिणी नक्षत्र, चंद्रमा वृषभ राशि में।
योग: गौरी योग, कामिका एकादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग।
0 सावन का तीसरा सोमवार- 28 जुलाई
नक्षत्र- पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी।
0 सावन का चौथा सोमवार – चार अगस्त
नक्षत्र- अनुराधा और चित्रा, चंद्रमा वृश्चिक राशि में।
योग- सर्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म योग और इंद्र योग।

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