सीतामणी सेक्टर के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा, पोषण पखवाड़ा, सवालों के जवाब देकर दम्पति ने जीते ईनाम
कोरबा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण पखवाड़ा का आयोजन 8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक किया जा रहा है। इस कड़ी में कोरबा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती रेणु प्रकाश के मार्गदर्शन में जिले भर में विशेष पोषण पखवाड़ा में प्रत्येक दिन विभिन्न थीम पर सेक्टर सुपरवाइजर के नेतृत्व में आंगनबाड़ी केन्द्रों में समुदाय आधारित कार्यक्रम किये जा रहे हैं। कोरबा शहरी परियोजना अधिकारी बजरंग प्रसाद साण्डे के निर्देशन में सीतामणी सेक्टर के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में सेक्टर सुपरवाइजर श्रीमती स्वाति राठौर के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित कर गर्भवती व शिशुवती महिलाओं,उनके पति, किशोरी बालिकाओं को पोषण सम्बन्धी जानकारी देने के साथ एनीमिया (रक्त की कमी) से निपटने के प्रति भी जानकारी दी गई। गर्भवती माताओं के वजन मापन किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण भी कराये गए। 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों के खान-पान, देखभाल के बारे में जागरूक किया जा रहा है। बच्चों को हाथ धुलाई का महत्व और तरीके प्रदर्शित कर बताये गए।
इसी क्रम में शनिवार को बहू सम्मेलन की तर्ज पर पति-पत्नी सम्मेलन का आयोजन किया गया। गर्भावस्था के दौरान देखभाल-पोषण की जानकारी देते हुए बच्चों के 2 वर्ष आयु होने तक 1000 दिवस की जानकारी दी गई।स्तनपान का महत्व बताया गया। आंगनबाड़ी केंद्र पुरानी बस्ती 4 में भी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित पति-पत्नी से पोषण आधारित सवाल भी पूछे गए और सर्वाधिक सही जवाब देने वाले दम्पति को पुरस्कृत किया गया। इसी तरह समस्त केन्द्र में कार्यक्रम किए जा रहे हैं। प्रत्येक दिन के आयोजन की पोषण ट्रैकर में एंट्री भी कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है।
0 इसलिए महत्वपूर्ण हैं 1000 दिन
पोषण पखवाड़ा 2025 बच्चे के जीवन के पहले 1,000 दिनों पर केंद्रित है, क्योंकि यह बच्चे के विकास के लिए बेहद अहम वक्त होता है।गर्भवती महिला जो खाना खाती है, स्वास्थ्य से जुड़ी जो सेवाएं उसे मिलती है, और इन अहम शुरुआती महीनों में उसे जो सलाह मिलती है, वह न केवल उसके बच्चे के शारीरिक स्वास्थ्य को आकार देता है, बल्कि उसके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी आकार देता है। पहले 1,000 दिन गर्भाधान से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक शारीरिक विकास और मस्तिष्क के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान, एक बच्चे का शरीर और दिमाग अविश्वसनीय गति से बढ़ता है, जो उसके भविष्य के सीखने, प्रतिरक्षा और समग्र स्वास्थ्य की नींव रखता है। इस पूरे वक्त में अच्छा पोषण, प्यार, देखभाल और शुरुआती सीखने के अनुभव, उन्हें एक स्वस्थ, स्मार्ट और खुशहाल व्यक्ति बनने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, पोषण अभियान ने जीवन के पहले 1000 दिनों पर विशेष जोर दिया है, जो वास्तव में किसी भी बच्चे के लिए जादुई काल है।