सुरक्षा नियम ताक पर, कोयला खदानों में बढ़ी दुर्घटनाएं, हादसे के बाद डीजीएमएस और सेफ्टी कमेटी टीम ने लिया जायजा
कोरबा। कोयला खदानों में दुर्घटना नहीं हो सके इसके लिए कोल इंडिया और खान सुरक्षा महानिदेशालय की ओर से समय-समय पर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। स्थानीय प्रबंधन से उम्मीद की जाती है कि वह सुरक्षा के सारे मापदंडों को पालन कराए मगर जिले के तीनों परियाजनाओं में सुरक्षा के मापदंडों से खिलवाड़ हो रहा है। इससे दुर्घटनाएं बढ़ रही है। हर घटना की जांच कोयला कंपनी का प्रबंधन अपने स्तर पर करता है। इसके अलावा खान सुरक्षा निदेशालय और एसईसीएल सेफ्टी बोर्ड की टीम भी मामले की जांच करती है। घटना कैसे हुई और इसे किस प्रकार से रोका जा सकता था इस पर अपना अभिमत देती है। मगर कोयला खदानों में हादसे के बाद हादसे हो रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रबंधन पूर्व के हादसों से कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। सुरक्षा नियमों को ताक पर रखने के कारण कोयला खदानों में दुर्घटनाएं लगातार हो रही है। कोरबा जिले में सबसे अधिक हादसे मेगा प्रोजेक्ट में हो रही है। इसमें कई मजदूरों की जान चली जा रही है। एक दिन पहले बारूद गाड़ी पलटने से हुई ठेका श्रमिक की मौत ने प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। डंपर पलटने की घटना ने भी प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़ा किया है। बताया जाता है कि खदान में ब्लास्टिंग के बाद चालक को खदान के भीतर की मुख्य सडक़ से बाहर निकलना था, लेकिन चालक खदान के भीतर शार्टकट रास्ते को पकडक़र आगे बढ़ रहा था। इसी बीच बारूद गाड़ी का पहिया सडक़ किनारे स्थित पाइप लाइन पर चढ़ गया। इससे गाड़ी अनियंत्रित हुई और रतार अधिक होने के कारण पलट गई। जिससे घटना हुआ। इसके अलावा डंपर पलटने के मामले में प्रकाश व्यवस्था की कमी को माना जा रहा है। घटना की डीजीएमएस सहित सेफ्टी कमेटी की टीम ने जायजा लिया है।