स्कूल बसों की जांची गई फिटनेस, सुरक्षा के मापदंडों को परखा
कोरबा। पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने स्कूली बसों की जांच की। सुरक्षा के मापदंडों पर बसों को परखा गया। बसों में इमरजेंसी गेट, फर्स्ट एड बॉक्स और फायर इस्टूग्रेसर को प्रमुखता के साथ देखा गया। फिटनेस जांच के लिए पुलिस ने अलग-अलग स्कूलों के बसों को मंगाया था। स्कूल प्रबंधनों की ओर से कुल 68 बसें भेजी गई थीं, इसमें कुछ वैन भी शामिल थीं। पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने एक-एक कर सभी बसों की जांच की। चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस और गाडिय़ों के दस्तावेजों की चेकिंग हुई। यह देखा गया कि बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा है या नहीं। उनमें आपात स्थिति में बच्चों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फर्स्ट एड बॉक्स रखा गया है या नहीं। पुलिस ने फायर इस्टूग्रेसर, स्पीड गवर्नर और डोर लॉक सिस्टम को भी देखा। फिटनेस जांच के दौरान पुलिस की ओर से सभी चालकों को यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया। उन्हें समझाइश दी गई कि किसी भी स्थिति में ओवरटेक न करें और बच्चों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दें। समय-समय पर अपने स्तर पर बसों की जांच करते रहे ताकि आपात स्थिति में किसी प्रकार का नुकसान न हो। बस ड्राइवरों के लाइसेंस भी जांचे गए। चेकिंग के दौरान पुलिस ने मौके पर उपस्थित स्कूलों के प्रबंधन से आए कर्मचारियों को कहा कि वे रोजाना स्कूली बसों में एक शिक्षक को भेजें ताकि बस में किसी प्रकार की अशोभनीय गतिविधियां नहीं हो और बस के भीतर होने वाले विद्यार्थियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। पुलिस ने सभी स्कूल के प्रबंधन से कहा है कि वे अपने यहां वाहन चलाने वाले चालकों का चरित्र सत्यापन कराएं और इसके लिए जिस थाना क्षेत्र में स्कूल स्थित है वहां आवेदन प्रस्तुत करें ताकि चालकों के संबंध में सही जानकारी प्राप्त हो सके। यह देखा जाए कि चालक पहले से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त तो नहीं है।