स्वीकृति से ज्यादा कोयला खनन के मामले में एसईसीएल की बढ़ी मुश्किलें
कोरबा। एसईसीएल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि स्वीकृति से ज्यादा कोयला खनन के मामले में खनिज विभाग के नोटिस का एसईसीएल कोरबा, दीपका, गेवरा और कुसमुंडा एरिया के महाप्रबंधक के जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं है। इस पूरे मामले की फाइल प्रदेश सरकार को भेजी जा सकती है। ऐसे में अब इस मामले पर आगे की कार्रवाई प्रदेश सरकार की ओर से की जाएगी। एसईसीएल को कोयला खनन कितने हेक्टेयर में करना है? इसे लेकर समय-समय पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरणीय स्वीकृति कंपनी लेती रही है। लेकिन कंपनी ने 2001 से 2016 के बीच स्वीकृति से ज्यादा खनन किया था। सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों में खुलासा होने के बाद एक स्वयंसेवी संगठन ने खनिज विभाग से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई तब यह पूरा मामला सामने आया। बताया जाता है कि चारों एरिया के महाप्रबंधक पर क्षमता से अधिक कोयला खनन के मामले में खनिज विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाते हुए इसे जमा करने के लिए कहा है। सबसे ज्यादा जुर्माना एसईसीएल के गेवरा प्रोजेक्ट पर है जहां 3 हजार 963 करोड़ रुपए का अर्थदंड आरोपित किया गया है। वहीं दीपका प्रोजेक्ट पर 3173 .68 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। कोरबा और कुसमुंडा एरिया पर भी भारी भरकम जुर्माने की राशि आरोपित किया गया है। खनिज विभाग ने इसी राशि की वसूली को लेकर पिछले महीने गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और कोरबा एरिया के महाप्रबंधक को नोटिस जारी किया था। कंपनी की ओर से दिए गए इस नोटिस के जवाब से खनिज विभाग संतुष्ट नहीं है।