हसदेव ताप विद्युत गृह के स्विच यार्ड में लगी भीषण आग, संयंत्र की तीन इकाइयों से उत्पादन रहा ठप्प
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह के स्विच यार्ड में शुक्रवार की दोपहर भीषण आग लग गई। घटना के बाद संयंत्र में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया।
आग लगने के कारण एचटीपीएस की 3 यूनिट से उत्पाद ठप हो गया है। 3, 4 एवं 5 नम्बर इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है। इससे 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। आग ने विद्युत संयंत्र के एक ट्रांसफार्मर को चपेट में ले लिया, जो विद्युत संयंत्र में बनने वाली बिजली को ग्रिड में भेजने के लिए उपयुक्त करेंट में बदलता है। दमकल वाहन मौके पर आग पर काबू पाने के प्रयास जुट गए। आग कैसे लगी अभी इसका पता नहीं चल सका है।एचटीपीएस के अधिकारियों ने बताया कि स्विच यार्ड के इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर में आग लगी और फैल गई। इस कारण 3, 4 और 5 नम्बर इकाई उत्पादन से बाहर हो गई। आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। इकाइयों को उत्पादन में लाने में कई घंटा लग सकते हैं। आग कैसे लगी, यह जांच का विषय है।
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दो इकाई से उत्पादन से अभी तक बाहर
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह, पश्चिम के स्विच यार्ड में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन इस कारण दो इकाई से उत्पादन से अभी तक बाहर है।यहां बताना होगा कि शुक्रवार की दोपहर को हसदेव ताप विद्युत गृह के स्विच यार्ड में लगे इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर में आग लग गई थी। आग आसपास फैल गई और दूसरे ट्रांसफामर्स एवं उपकरणों को भी चपेट में ले लिया। आग इतनी भीषण थी इससे उठ रहा काला धुंआ कई किलामीटर तक नजर आ रहा था। इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर में 12 किलोलीटर (kl) ऑयल होता है।बताया गया है यह इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर 210 मेगावाट क्षमता वाली 4 नम्बर यूनिट के लिए उपयोग में था। आईसीटी में आग लगने से 4 नम्बर के साथ ही तीन और पांच नम्बर इकाई भी ट्रीप हो गई। शुक्रवार की देर रात 210 मेगावाट क्षमता वाली तीन नम्बर इकाई को कम लोड पर उत्पादन में लाया गया। 210 मेगावाट क्षमता वाली 4 नम्बर तथा 500 मेगावाट क्षमता वाली 5 नम्बर यूनिट अभी भी उत्पादन से बाहर है। संयंत्र सूत्रों के अनुसार आईसीटी चार नम्बर इकाई का था, इसलिए इस यूनिट को उत्पादन में आने मेंं समय लगेगा। दूसरा आईसीटी स्थापित होने के बाद ही यह इकाई उत्पादन में आ सकेगी।बताया जा रहा है कि संयंत्र में एक अतिरिक्त आईसीटी रखा हुआ है। इसलिए इसे स्थापित करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। दूसरी ओर संयंत्र प्रबंधन पांच नम्बर इकाई को चालू करने के प्रयास में लगा हुआ है।
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रखरखाव में लापरवाही आई सामने
इधर, इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर के रखरखाव में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। तकनीकी जानकारों के अनुसार आईसीटी में आग लगने का कारण ओवरहीटिंग है। आईसीटी तब अधिक गर्म हो जाता है कि तो थर्मल स्कैनिंग के जरिए इसका पता लगाया जाता है। आईसीटी को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए किए जाने वाले उपाय करने में प्रबंधन असफल रहा है। इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर 10 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का बताया गया है।