हाथियों ने खरही के धान को किया चट, ग्रामीणों को लगी आर्थिक चपत
कोरबा। खेतों में लगे धान की फसल अब लगभग कट चुकी है। ऐसे में जिले के जंगलों में मौजूद हाथियों को धान खाने के लिए नहीं मिल रहा है, सो अब वे इसकी तलाश में खलिहानों तक पहुंचने लगे हैं। वहीं हाथी प्रभावित क्षेत्रों में स्थित उपार्जन केंद्रों में रखे धान को भी खतरा पैदा हो गया है। बीती रात कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में मौजूद हाथियों के दल ने केराकछार (नोनबिर्रा) पहुंचकर ग्रामीणों के खलिहान में जमकर उत्पात मचाया और वहां रखे धान की खरही को चट करने के साथ ही तितर-बितर कर दिया। हाथियों के इस उत्पात से कई ग्रामीण प्रभावित हुए हैं जिसका आंकलन किया जा रहा है। करतला वन परिक्षेत्र में वर्तमान में 50 हाथियों का दो दल अलग-अलग विचरण कर रहा है। इसमें से 42 हाथियों वाला दल बीती रात बोतली क्षेत्र से मूवमेंट किया और नोनबिर्रा वन परिसर के केराकछार नामक गांव में पहुंच गया। हाथियों के दल ने यहां पहुंचते ही उत्पात मचाना शुरू किया और खलिहान में रखे कई ग्रामीणों के धान की खरही को नुकसान पहुंचाया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों द्वारा रात में हाथियों के आने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे और हाथियों को खदेडऩे की कार्यवाही की। जिससे वे जंगल की ओर रूख कर गए।
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अरहर की फसल को भी पहुंचाया नुकसान
कुदमुरा रेंज में भी हाथियों का उत्पात जारी है। यहां जंगल में घूम रहे एक दर्जन हाथियों ने बीती रात खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जहां कोरबा वनमंडल के कुदमुरा व करतला रेंज में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है, वहीं कटघोरा वनमंडल में मौजूद हाथी भी इससे कम नहीं है। यहां के पसान व केंदई रेंज में सक्रिय हाथियों के दल ने अरहर फसल को नुकसान पहुंचाया है। 28 हाथी केंदई रेंज के लमना क्षेत्र में घूम रहे हैं। इन हाथियों ने यहां के मनुहार बस्ती तथा आमाटिकरा के हरमोर में पांच किसानों के खेतों में पहुंचकर वहां लगे अरहर के पौधों को चट कर दिया है। वहीं पसान रेंज के सेमरहा क्षेत्र में सक्रिय 22 हाथियों के दल ने खेतों में पहुंचकर 15 ग्रामीणों के अरहर फसल को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों का उत्पात यहां रात भर चला, सुबह होने से पहले हाथी आगे बढकऱ बीजाडांड सर्किल के सेन्हा गांव पहुंच गया है। बड़ी संख्या में हाथियों के क्षेत्र में आने की जानकारी मिलने पर संबंधित वन अमला सतर्कता बरतने के साथ ही हाथियों की निगरानी में जुट गया है। आसपास के गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सावधान भी किया जा रहा है।