हाथियों ने प्यास बुझाने खुद किया जुगाड़, पत्थरों को सूंड से उठाकर बना दिया है बंधान
कोरबा। जिले के जंगलों में गर्मी के शुरू होते ही पीने के पानी की कमी हो गई है। इसे दूर करने के लिए कटघोरा वनमंडल की जटगा रेंज में मौजूद हाथियों ने जंगल के कक्ष क्रमांक पी-243 में स्थित एक नाले को चारों ओर से पत्थरों से घेर कर मिनी बांध का रूप दे दिया है जहां पहुंचकर हाथी पानी पीते हैं और अपनी प्यास बुझाते हैं। हाथियों ने नाले के आसपास स्थित पत्थरों को अपनी सूंड से उठाकर यहां इक_ा किए हैं और चारों तरफ पत्थर रखकर बांध का रूप दे दिया है। नाले में चारों ओर पत्थर होने के कारण पानी यहां रूक रहा है और हाथियों की प्यास बुझ रहीं है। ज्ञात रहे कटघोरा वनमंडल के केंदई, एतमानगर, पसान व जटगा रेंज में 48 की संख्या में हाथी पिछले कई दिनों से विचरण कर रहे हैं। हाथियों का दल कभी एतमानगर रेंज में रहता है तो कभी केंदई व पसान रेंज होते हुए जटगा पहुंच जाता है। हाथियों के लगातार क्षेत्र में बने रहने से ग्रामीणों को लगातार खतरा बना रहता है। वन विभाग द्वारा हाथियों की लगातार निगरानी की जा रही है।
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हाथियों का उत्पात जारी
वनमंडल कोरबा में हाथियों की संख्या कम हो गई है। 35 हाथियों का झुंड धरमजयगढ़ वनमंडल लौट गया है। अभी करतला और कुदमुरा रेंज में 16 हाथी घूम रहे हैं। एक दंतैल हाथी कलमीटिकरा के आसपास है। वह बाड़ी में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। कुदमुरा में 9 हाथी हैं। करतला रेंज में 7 हाथियों का झुंड चिकनीपाली के आसपास घूम रहा है। वन विभाग की टीम ग्रामीणों को रोज सतर्क कर रही है। धान की फसल कटने के बाद हाथियों का झुंड रबी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही बाड़ी में घुसकर सब्जी की फसल को भी चौपट कर रहा है। कटघोरा वनमंडल में घूम रहे हाथी केंदई, एतमानगर और जटगा रेंज की सीमा में ही हैं।