20 साल तक आरपीएफ पुलिस की आंख में झोंकता रहा धूल, बिहार से गिरफ्तार, भैंसमा के बन्द रेलवे फाटक को क्षतिग्रस्त कर हो गया था फरार
कोरबा। आरपीएफ रेलवे पुलिस ने 2003 से फरार एक आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी बहुत ही शातिर है। वह रेलवे पुलिस को चकमा देकर पिछले कई वर्षों से फरार चल रहा था। वारंटी आरोपी उपेंद्र (47) सिवान जिले के पचरूखी थाना क्षेत्र के जसौली पश्चिम टोला का रहने वाला है। वर्तमान में हीरापुर टाटीबंध के पास थाना बुढातालाब रायपुर में रहता था।यह पूरा मामला 2003 का है। जहां मूलत: बिहार निवासी उपेंद्र रायपुर में किराए का मकान पर रहकर ड्राइवरी का काम करता था। जहां ट्रक चलाकर जीवन यापन कर रहा था। उपेंद्र कई साल पहले भैंसमा बन्द फाटक को तेज गति से चलते हुए क्षतिग्रस्त कर दिया था, जहां एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया था।इस घटना के बाद से आरोपी ट्रक छोड़कर फरार हो गया था। कोरबा रेलवे आरपीएफ पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी। काफी लंबे समय बाद उसके मूल निवास बिहार से रेलवे आरपीएफ पुलिस ने पड़ा है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए कई बार रायपुर स्थित किराए के मकान पर पकड़ने पहुंची, लेकिन उसका मूल निवास का पता नहीं चल पा रहा था।कोरबा रेलवे आरपीएफ को मुखबिर से सूचना मिली कि उपेंद्र किसी काम से बीच रायपुर आया हुआ था। बिहार में कहीं दूसरे जगह पर नाम बदलकर रहता था। जहां कोरबा रेलवे आरपीएफ को इसकी सूचना मिली और टीम बनाकर बिहार के लिए रवाना किया कोरबा रेलवे आरपीएफ ने उसे पड़कर बिहार से कोरबा लेकर पहुंची। जहां न्यायिक डिमांड पर भेजा गया।सहायक उप निरीक्षक एसके शर्मा मातहत स्टॉफ के साथ उस्लापुर बिलासपुर से पूछताछ करने आरोपी को बिहार में छुपे होने की सूचना मिली। जहां कोरबा रेलवे आरपीएफ को सफलता मिली। आरोपी कई साल से नाम बदलकर बिहार में छुपा हुआ था। आरपीएफ ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया।