50 हाथियों के झुंड में शामिल हुआ चोटिल हाथी, खेतों व बाड़ी में पहुंचकर फसल को पहुंचाया नुकसान
कोरबा। हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। करतला रेंज में विगत एक पखवाड़े से सक्रिय 50 हाथियों का दल अब सूईआरा जंगल पहुंच गये हैं। इस दल में चोटिल हाथी भी शामिल हो गया है। बीती रात अचानक पहुंचे दल ने सूईआरा गांव में ग्रामीणों के खलिहान में प्रवेशकर वहां रखे धान की खरही को खाने के साथ ही तितर-बीतर कर दिया । इतना ही नहीं खेतों व बाड़ी में पहुंचकर वहां लगे धान की फसल व सब्जी के पौधों को भी तहस-नहस कर दिया है। हाथियों का उत्पात रात भर चला। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। पूरा गांव हाथियों की चिंघाड़ से गुजंता रहा और ग्रामीण मारे डर के अपने-अपने घरों में दुबके रहे। बड़ी संख्या में हाथियों के आने तथा उत्पात मचाये जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला सुबह सूईआरा गांव पहुंचा और रात में हाथियों द्वारा किये गये नुकसानी का आकंलन करने के साथ ही रिपोर्ट तैयार की। हाथियों के उत्पात में ग्रामीणों को हजारों रूपये की चपत लगी है। इस बीच कोटमेर जंगल में घुम रहे पैरों से चोटिल हाथी भी सूईआरा पहुंच हाथियों के दल में शामिल हो गया है, जहां बीती रात हाथियों के दल ने करतला रेंज के सूईआरा में जमकर उत्पात मचाया वहीं कुदमुरा रेंज में भी 29 हाथी सक्रिय है। हाथियों का दल कुदमुरा व धरमजयगढ़ के बोर्डर में विचरण कर रहा है। कल यह दल अचानक कुदमुरा में प्रवेश किया था और रेंज के गितकुंवारी क्षेत्र में दिनभर विचरण करने के बाद बॉडर पहुंच गया।
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एतमानगर व पसान वन परिक्षेत्र में बनी है मौजूदगी
कोरबा के अलावा कटघोरा वनमंडल के एतमानगर व पसान वन परिक्षेत्र में हाथियों का अलग-अलग विभिन्न स्थानों पर घुम रहा है। इसमें 18 हाथी एतमानगर के मढ़ई जंगल तथा 32 हाथी पसान के बीजाढंाढ़ व अन्य क्षेत्रों में मौजूद है। बताया जाता है कि हाथियों का दल दिन भर जंगल में विश्राम करते है और शाम होने के बाद जंगल से निकलकर अलग-अलग समूहों में बंटकर खेतों में पहुंच जाते है और वहां लगे अरहर तथा अन्य रवी फसलों को नुकसान पहुंचाते है। जिससे ग्रामीण काफी हलाकान है।