Thursday, March 13, 2025

हड़ताल से मैनपावर कम, चिमनियां उगल रही तेज धुआं, ईएसपी को बाइपास कर चिमनी से राख मिश्रित धुआं छोड़ा

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हड़ताल से मैनपावर कम, चिमनियां उगल रही तेज धुआं, ईएसपी को बाइपास कर चिमनी से राख मिश्रित धुआं छोड़ा

कोरबा। आउटसोर्सिंग से कार्यरत मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इससे तीनों कंपनी में कामकाज प्रभावित हो गया। हड़ताल से मैन पावर की कमी के कारण हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम (एचटीपीपी) की तीनों चिमनी से तेज सफेद धुआं निकलने लगा। आंदोलनकारियों का कहना है कि हड़ताल के वजह से संयंत्र में कर्मचारियों की कमी हो गई और नियमित कर्मी ही संयंत्र का संचालन कर रहे है। नियमित कर्मियों की संख्या कम होने की वजह से कई काम प्रभावित हो रहे हैं। साइलो में आंदोलन का जबरदस्त असर पड़ा है। प्रबंधन ने संयंत्र में लगे ईएसपी को बाइपास कर चिमनी से राख मिश्रित धुआं छोड़ा जा रहा है। हालांकि इस संबंध में एचटीपीपी के मुख्य अभियंता श्री शर्मा से चर्चा का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने स्थिति स्पष्ट करने काल रिसीव नहीं किया।
इसी तरह वितरण विभाग में सभी सबस्टेशन व कार्यालय में कार्यरत मजदूर भी काम पर उपस्थित नहीं हुए। इससे सबस्टेशन संचालन में दिक्कत का सामना करना पड़ा। विद्युत कंपनी के उत्पादन, वितरण व ट्रांसमिशन में मजदूरों का कहना है कि सरकार वादा करने के बाद भी उन्हें नियमित नहीं कर रही है। एचटीपीपी में मजदूरों को रोकने के दौरान हंगामा भी हुआ, इससे तनाव की स्थिति निर्मित हो गई।आउटसोर्सिंग से कार्यरत इन मजदूरों द्वारा लंबे समय से नियमितीकरण की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त सभी विभागों में कार्यरत कर्मियों को नियमित करने का आश्वासन दिया था, पर पौने पांच साल बीत रहे हैं और अभी तक सरकार ने वादा पूरा नहीं किया। नियमितीकरण के इंतजार में कार्य कर रहे है। इसी तरह मुख्यमंत्री ने शासकीय विभागों में कार्य करने वाले अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल उच्च कुशल दर के कर्मचारियों को चार हजार रूपये मासिक की श्रम सम्मान राशि दिए जाने की घोषणा की गई थी, पर अभी तक आदेश जारी नहीं किया गया। प्रदेश में 30 हजार से भी अधिक अकुशल, अर्द्धकुशल व उच्च कुशल दर से कार्य करने वाले कर्मचारी- श्रमिक में नाराजगी बनी हुई है। विद्युत कंपनी भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। इसलिए श्रम सम्मान राशि देने का आदेश जारी किया जाना चाहिए। मजदूरों ने कहा कि समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। वेतन की मांग करने पर ठेकेदार द्वारा काम से निकालने की धमकी दी जाती है। इसके अलावा सुरक्षा व दुर्घटना बीमा की भी मांग रखी है। आंदोलन के पहले दिन तीनों संयंत्र समेत वितरण व पारेषण कंपनी के लगभग पांच हजार कर्मी कार्य पर उपस्थित नहीं हुए। इससे कामकाज पर असर पड़ा।

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