Thursday, November 20, 2025

शहर में फर्राटे भर रहे ब्लैक फिल्म लगे वाहन, यातायात पुलिस की नहीं दिख रही कार्रवाई

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शहर में फर्राटे भर रहे ब्लैक फिल्म लगे वाहन, यातायात पुलिस की नहीं दिख रही कार्रवाई

कोरबा। जिले शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र के चौक चौराहों में वाहन चेकिंग कार्यवाही जोरों पर है। नाबालिक लड़के-लड़कियों के वाहन चलाने पर कार्यवाही की जा रही है, लेकिन यातायात पुलिस काले शीशे वाली गाड़ियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ब्लैक फिल्म लगे वाहनों पर कार्यवाही करने की भी जरूरत है। जिले में खुलेआम अपनी गाड़ियो में काला शीशा लगा कर लोग बैखौफ घूम रहे है। कोरबा शहर में ज्यादातर ब्लैक फिल्म वाली गाड़ियां नेतानुमा लोगों की है। कोरबा शहर में चुनावी की तैयारी भी शुरू हो गई है। ऐसे में काले फिल्म वाले वाहनों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है, लेकिन इस मामले में पुलिस प्रशासन गंभीर नही है। वाहनों में काला शीशा पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद लोग अपने वाहन पर काले शीशे लगा कर सड़क सरपट दौड़ा रहे है। शहर में काले शीशे लगे वाहन आसानी से देखे जा सकते है। इन वाहनों पर यातायात पुलिस कार्रवाई नही कर रही है इसलिए इनके हौंसले बुलंद है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जिन वाहनों पर संबंधित निर्माता कम्पनी ने तय मानक के अनुसार काले शीशे लगे है वही वैध है। अगर कोई गाडी के शीशे पर अलग से ब्लैक फिल्म चढ़ाता है तो उसे किसी तरह की छूट नही मिलेगी बल्कि कार्रवाई होगी । भले ही उसने तय लिमिट के अनुसार ही क्यों न ब्लैक फिल्म लगा रखी है। मतलब साफ है अगर आपकी गाडी का शीश निर्धारित मानक के तहत काला है तो आप जुर्माने से बच जायेंगे। कंपनी जो शीशा लगाकर गाड़ी बेचती है,उसके ऊपर काली फिल्म लगाना गैरकानूनी है। सूत्र बताते हैं कि काले शीशे के अंदर कई काले खेल भी होते है। जैसे अवैध रूप से शराब और गांजा लाने का का धंधा भी होता है। अपराधी व तस्कर प्रवृत्ति के लोग पुलिस या खुफिया तंत्र को चकमा देने के लिए काशा शीशा लगे वाहनों का इस्तेमाल करते है।

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