Saturday, March 15, 2025

बार बार थम रहे हैं मालगाड़ियों के पहिए, ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग पर लगा रहा जाम

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बार बार थम रहे हैं मालगाड़ियों के पहिए, ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग पर लगा रहा जाम

कोरबा। शहर में रेलवे फटकों का जाल बिछा हुआ है। जिनमें बार-बार माल गाड़ियों के पहिए थम जाने से जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। शुक्रवार को सुबह लगभग डेढ़ घंटे तक डीएसपीएम पावर प्लांट को जा रही मालगाड़ी के अटकने के कारण ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग जाम रही। मालगाड़ी का एक सिरा बंद हो चुके टीपी नगर केबिन के आगे क्रॉस हो चुका था जबकि दूसरा सिरा शारदा विहार और ट्रांसपोर्ट नगर क्रॉसिंग के बीच में थमा रहा। मालगाड़ी को खींचने के लिए पहले से ही दो पावर इंजन लगाकर भेजे गए थे इसके बावजूद इस तरह की समस्या पेश आई। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं हुआ। इसलिए हर बार की तरह इस बार भी मालगाड़ी के बीच रास्ते पर ठहर जाने के कारण विभिन्न दिशाओं पर आवाजाही करने वाले लोगों को बेहद परेशान होना पड़ा। अपने गंतव्य को जाने वाले लोगों को लंबा चक्कर लगाने की मजबूरी भी उठानी पड़ी। इसके ठीक दूसरी और मालगाड़ी के साथ तकनीकी समस्या होने का सबसे ज्यादा लाभ कोयला चोरों को हो रहा है। सामान्य तौर पर चढ़ाई वाले ट्रैक पर कई बार माल गाडिय़ां इस तरीके से रुक जाती हैं। मुख्य रूप से आवागमन के दौरान अचानक बीच में मवेशियों किसी और अवरोध के आ जाने, इंजिन का क्षमता से कम होना समस्या का कारण बन जाता है। यह बात सही है कि अधिक वैगन वाली मालगाडिय़ों को ट्रांसपोर्टिंग में लगाने के दौरान अनिवार्य रूप से दो-दो पावर इंजन लगाए जा रहे हैं। लेकिन सवाल इस बात का होता है कि एक की क्षमता अधिक है और दूसरे की कम तो फिर परेशानियां सामने आती हैं। ऐसे में लोग यही समझते हैं कि दो-दो इंजन भी मालगाड़ी को नहीं खींच पा रहे हैं पर सच्चाई यह नहीं होती। रेलवे में खास तौर पर लोडिंग का कामकाज 5 गुना तक बढ़ गया है, लेकिन इसके अनुपात में मैनपॉवर अपेक्षित नहीं है। विशेष रूप से कोरबा क्षेत्र में कोयला ट्रांसपोर्टिंग करने को लेकर रेलवे पर बहुत ज्यादा दबाव है क्योंकि इसे लेकर रेवेन्यू जेनरेट करने का समीकरण सबसे ज्यादा अहम है। कामकाज के संपादन के लिए पावर इंजन की कमी बहुत बड़े क्षेत्र में एक बड़ा मुद्दा है लेकिन इस पर उतना काम नहीं हो पा रहा है जिसकी जरूरत है। सबसे हैरान करने वाली बात यह भी है कि मैदानी अमले के अनुपात में अधिकारियों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है।

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