वन कर्मियों ने बचाई बुजुर्ग की जान
कोरबा। धान मिंजाई कर घर लौट रहे ग्रामीणों की नजर हाथी पर पड़ गई। वे किसी तरह जान बचाकर घर जा पहुंचे। जबकि उनका एक साथी पीछे रह गया। यह खबर मिलते ही वन कर्मियों ने ग्रामीण की खोजबीन शुरू की। जब वन अमला जंगल के भीतर पहुंचा तो ग्रामीण झाडिय़ों के पीछे दुबका मिला। वह हाथियों को सामने देख बुरी तरह घबराया हुआ था। वन कर्मियों ने उसे कंधे में उठाकर जंगल से बाहर निकाला। साथ ही इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया।
यह वाक्या कटघोरा वन मंडल के एतमानगर रेंज की है। ग्राम पंचायत गुरसियां के आश्रित ग्राम सेंदरीमुड़ा में प्यारेलाल निवास करता है। वह धान की कटाई पर खलिहान में रखा हुआ है। जिसकी मिंजाई करने गांव के ही करमन सिंह, राजकुमार चंद्रभान, प्रकाश सिंह व सरमहिया बिंझवार (65 वर्ष) पहुंचे हुए थे। वे शाम करीब 6 बजे धान मिंजाई कर कुंजीपारा गुरसियां बस्ती से जंगल के रास्ते घर की ओर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्हें उमेंद सिंह के खेत में हाथी दिखाई दिया। वे हाथी को सडक़ किनारे खेत में देख घबरा गए। किसी अनहोनी की आशंका पर सभी ग्रामीण घर की ओर सरपट भाग निकले। इस दौरान बुजुर्ग होने के कारण सरमहिया जंगल में ही छूट गया। जिसकी जानकारी ग्रामीणों को तब हुई जब वे गिरते पड़ते गांव पहुंचे। उन्होंने अपने साथी को गायब देख पूछताछ शुरू की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। आखिरकार ग्रामीण सरमहिया के घर रिंगनिया पहुंचे। जहां उसकी पत्नी ने घर नहीं पहुंचने की जानकारी दी। इस बात की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही गुरसियां व एतमानगर के वनकर्मी गांव जा पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ के बाद वृद्ध की तलाश शुरू की। वे परेवानाला के पास पहुंचे तो वृद्ध झाडिय़ों के बीच दुबका मिला। वह हाथियों के नजर के सामने देख बुरी तरह घबराया हुआ था। उसकी हालत चलने फिरने की भी नहीं थी। वन कर्मियों ने उसे किसी तरह कंधे पर उठाकर गांव तक लाया। जहां से वृद्ध को प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में दाखिल कराया। यदि वन कर्मी तत्परता नहीं दिखाते तो बड़ी अनहोनी भी घटित हो सकती थी।