भारी वाहन के चालकों से सेकेंड एंट्री में परेशानी
कोरबा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से कोरबा की जनता को सुविधा देने के लिए दावे जरूर किये जा रहे है, लेकिन सच्चाई यही है कि इनका दम निकल रहा है। कोरबा में स्टेशन की सेंकेड एंट्री का विकल्प राहत जरूर दे रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में निजी कोल साइडिंग के लिए चलने वाले वाहनों ने सडक़ का कचूमर निकाल दिया है। ऐसा लगता है कि कोरबा में रेल समस्या के साथ जनता की परेशानी का साथ मानो चोली दामन जैसा है, जो केवल लंबे समय से न केवल बना हुआ है बल्कि छूटने का नाम नहीं ले रहा है। एसईसीआर के द्वारा अमृत काल में रेलवे स्टेशन के विकास के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है। कई कारणों से कोरबा को इसमें शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत प्लेटफार्म नंबर 2-3 के लिए मुख्य प्रवेश द्वारा के लिए कुछ आगे से अतिरिक्त फूट ओव्हरब्रिज तैयार कराया जा रहा है। इसके अलावा प्लेटफार्म में शेड विस्तार से संबंधित काम भी कराये जा रहे हैं। लगातार हो रही परेशानी को ध्यान में रख कुछ महीने पहले रेलवे ने सेंकेड एंट्री को शुरू करते हुए मौके पर ही टिकट काउंटर शुरू किया है। इसके जरिये लोगों को कुछ राहत मिली है।उपनगरीय क्षेत्र की बड़ी संख्या सीजीएम कार्यालय एसईसीएल व मुड़ापार बायपास होते हुए सेकेंड एंट्री तक पहुंच रही है। लेकिन इसी रास्ते में निजी कोल साइडिंग संचालित किये जाने से स्टेशन जाने वाली सडक़ में परेशानी भी बढ़ गई है। रास्ते पर उपस्थित कीचड़ और भारी वाहनों की आवाजाही से लोगों के शक्ल सूरत बदल जाती है, जिससे वे परेशान हैं।