नेशनल क्वालिटी असोरेंस स्टैंडर्ड प्रमाण पत्र की दौड़ में दो हॉस्पिटल, जिले के 12 अस्पतालों को मिल चुका है सर्टिफिकेट
कोरबा। मरीजों को बेहतर इलाज और उत्कृष्ट सेवा के लिए दिए जाने वाले एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी असोरेंस स्टैंडर्ड) प्रमाण पत्र के लिए कोरबा जिले के दो अस्पताल दौड़ में हैं। इसमें रानी धनराज कुंवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरबा और विकासखंड करतला अंतर्गत स्थित मदवानी का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल है। अभी तक कोरबा के 12 अस्पतालों को एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन से प्रमाणित किया गया है। इसमें करतला और कटघोरा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर, तिलकेजा, लेमरू, मोंगरा, जटगा, गोपालपुर, ढोढ़ीपारा और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मदवानी शामिल हैं। लेकिन मदवानी को यह प्रमाण पत्र एक साल के लिए दिया गया था। इसे आगे बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग दोबारा दावा कर रहा है। इसके लिए राज्य एनक्यूएएस की टीम ने दोनों अस्पतालों का दौरा किया और यहां उपलब्ध साधन-संसाधनों को देखा। यह जानने का प्रयास किया कि मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोड्यूस) का पालन किया जा रहा है या नहीं। दोनों अस्पतालों की जांच में राज्य स्तरीय एनक्यूएएस की टीम को कुछ कमियां मिली हैं। टीम ने इसे जल्द से जल्द सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कहा है। बताया जाता है कि कमियों को दूर करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम दोबारा एनक्यूएएस की टीम से संपर्क करेगी और अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए फिर से बुलाएगी। सब कुछ सही रहा तो राज्य एनक्यूएएस की टीम अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एनक्यूएएस टीम को देगी, फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली की एक टीम दोनों अस्पतालों का दौरा करेगी और इलाज की मापदंडों पर इन अस्पतालों को परखा जाएगा। सब कुछ सही रहा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एनक्यूएएस प्रमाण पत्र से दोनों अस्पतालों को नवाजा जाएगा। राज्य स्तरीय एनक्यूएएस स्तरीय टीम ने पहले चरण का कार्य पूरा कर लिया है। टीम की ओर से कुछ बिंदुओं को लेकर कमियां पाई गई है, इसे दूर करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था को ठीक करने में लगा हुआ है।
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12 मानकों पर किया जाता है मूल्यांकन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए 12 मानकों पर मूल्यांकन करती है। इसमें अस्पताल प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, क्लीनिक सर्विसेस, लैब की स्थिति, वहां किए जाने वाले टेस्ट की प्रक्रिया आदि शामिल हैं। सभी बिंदुओं पर संतुष्ट होने के बाद टीम सर्टिफिकेट प्रदान करती है।