बच्चों ने की आम खाने की जिद तो बना दिया बागान, विभिन्न प्रजातियों के आम की कर रहे खेती, हर सीजन में लगते हैं फल
कोरबा। माता-पिता अपने बच्चों के हर फरमाइश और शौक पूरा सकते हैं। कुछ ऐसा ही मामला कोरबा में सामने आया है। जहां बच्चों ने आम खाने की जिद की तो पिता ने घर की बाड़ी को आम का बागान बना लिया। रिटायर्ड खदान कर्मचारी ने अपने बच्चों को रसीले आमों का लुफ्त उठाने के लिए कई किस्म के आम लगाए है। उनकी बाड़ी में 12 महीने आम के फल खाने को मिल जाते हैं। आम का सीजन जाने वाला है, मगर कोरबा के झगरहा में रहने वाले रामरतन के बाड़ी में आम के पेड़ में बौर आ रहे हैं। जी हां, ये पेड़ गर्मी के अलावा बारिश और ठंड के मौसम में भी फल देता है।12 महीने फल देने वाला पेड़ थाईलैंड की प्रजाति है। इसी तरह रामरतन के बाड़ी में बैगनफली, दशहरी के अलावा तैमूरियन जैसे विशेष किस्म के आम के पेड़ मौजूद है। रामरतन बताते है कि एक बार बच्चों आम खाने की जिद की तभी विचार आया था कि घर में आम की बाड़ी लगाऊंगा। सिर्फ आम ही नहीं रामरतन के बाड़ी में चीकू, लीची, एप्पल बेर, गंगा बेर, और सेब के पेड़ लगे हैं। आमतौर पर कोरबा जिले में इन प्रजाति के पेड़ नजर नहीं आते, लेकिन रामरतन ने कृषि और उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में फलों की पैदावार कर रहे है। रामरतन ना सिर्फ बाड़ी बल्कि धान की भी उन्नत खेती करते है। एसईसीएल में सीनियर फोरमैन रहे रामरतन को शुरू से ही खेती का शौक था। रिटायरमेंट के बाद नाती पोतों को खिलाने के बाद दिनभर इनका वक्त बाड़ी और खेत में बितता है। आम की विभिन्न वरायटी, रेयर प्रजाति के बेर की पैदावार, खेती किसानी को लेकर रामरतन का जुनून अन्य किसानों को भी प्रेरणा से कम नहीं है।