Sunday, July 20, 2025

हरियाली तीज 27 को, सुहागिनें रखेंगी व्रत, भगवान शिव व पार्वती की आराधना कर सुहागिन महिलाए करेंगी अखंड सौभाग्य की कामना

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हरियाली तीज 27 को, सुहागिनें रखेंगी व्रत, भगवान शिव व पार्वती की आराधना कर सुहागिन महिलाए करेंगी अखंड सौभाग्य की कामना

कोरबा। श्रावण मास के अवसर पर 27 जुलाई को हरियाली तीज का पर्व पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह तीज व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है, जिसमें सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व सौभाग्य की रक्षा के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की विशेष पूजा करती हैं। हरियाली तीज हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, जो आमतौर पर नाग पंचमी से दो दिन पहले पड़ती है। इस साल, हरियाली तीज 27 जुलाई 2025, रविवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि 26 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे शुरू होगी और 27 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर, यह पर्व 27 जुलाई को ही मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं हरे रंग के पारंपरिक वस्त्र पहनती हैं, हाथों में मेहंदी रचाती हैं और झूले झूलती हैं। हरियाली तीज को शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन देवी पार्वती को तपस्या के पश्चात भगवान शिव की अर्धांगिनी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। कुंवारी कन्याएं भी इस दिन योग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं समूह में पूजा-पाठ, गीत-संगीत और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ यह पर्व मनाती हैं। यह दिन प्रकृति और नारी सौंदर्य के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है। श्रावण मास संपूर्ण रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति के लिए समर्पित है। यह पर्व अखंड सौभाग्य, वैवाहिक जीवन की खुशहाली और मनोकामना पूर्ति का प्रतीक है। इस दिन रवि योग और शिव योग का संयोग बन रहा है, जो पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, फिर शिवलिंग और माता पार्वती को जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, फूल, और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। हरियाली तीज की कथा सुनें। अंत में शांति मंत्र और क्षमा मंत्र पढ़ें, और शिव-पार्वती की आरती करें। बाद में सुखी जीवन की कामना करते हुए महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें। पूजा के बाद प्रसाद बांटे और जरूरतमंदों को दान दें।
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हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। मान्यता है कि माता पार्वती ने 107 जन्मों के बाद 108वें जन्म में कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। इस दिन व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।
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हरियाली तीज की पूजा विधि
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं। ऐसे में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ हरे रंग के वस्त्र पहनें। घर को साफ करें और पूजा घर को फूलों से सजाएं। एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मिट्टी या धातु से बनी भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियां स्थापित कर पूजा करें।

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