स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से चरमराई व्यवस्था, कई स्वास्थ्य केंद्रों में लटक रहे हैं ताले, तीसरे दिन भी हड़ताल में डटे रहे कर्मी
कोरबा। वेतन बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल का कोरबा में असर दिखने लगा है। तीसरे दिन भी कई स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटके रहे। दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारी भी नहीं पहुंचे। मांगों के समर्थन में 750 कर्मचारियों ने खुद को स्वास्थ्य विभाग के कार्यों से दूर रखा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तो व्यवस्था चरमराने लगी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत संविदा अधिकारी व कर्मचारी सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं। 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में घंटाघर चौक पर प्रदर्शन किया जा रहा है। मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने नारेबाजी की।एनएचएम के संविदा पद पर कार्यरत डॉक्टर, नर्स स्टॉफ, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, काउंसलर, आरएमए, एएनएम सहित 750 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं। इससे कई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य केंद्र) में ताला लटका रहा, तो कई स्वास्थ्य केंद्र खुले, लेकिन यहां डॉक्टर, लैब टेक्निशियन, स्टॉफ नर्स नहीं थे। इसकी वजह से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिला और उन्हें लंबी दूरी तय कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा और नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना पड़ा। इससे दिन चढऩे के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई। दोपहर लगभग 12 बजे ओपीडी पर्ची काउंटर के सामने मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। ओपीडी पर्ची के लिए मरीज और उनके परिजन लंबी कतार में खड़े होकर एक से डेढ़ घंटे तक पर्ची लेने के लिए इंतजार करते रहे। लेकिन कुछ विभाग में डाक्टर नहीं होने की वजह से दूसरे विभाग के डॉक्टर के पास प्राथमिक उपचार की सलाह ली। वहीं दवाई वितरण काउंटर में भी मरीज और परिजनों की लंबी कतार ने लोगों को परेशान किया। इस दौरान मरीज और परिजनों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। इसी तरह की स्थिति पुराना शहर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी रही। हड़ताल जारी रही तो इसका और असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पडऩा तय माना जा रहा है।