कोयला कर्मियों के बोनस निर्धारण का बदल सकता है पैटर्न, कोल सेक्टर में बोनस को लेकर होने लगी चर्चा
कोरबा। कोल इंडिया प्रबंधन कामगारों को दिए जाने वाले परफार्मेंस लिंक्ड रिवार्ड (पी एल आर) यानी के बोनस निर्धारण के मौजूदा पैटर्न में क्या बदलाव करेगा। कोल सेक्टर में कुछ इस तरह की सुगबुगाहट भी सुनाई पड़ रही है। कोल इंडिया एवं अनुषांगिक कंपनियों तथा एसईसीएल के कामगारों को एक समान परफार्मेंस लिंक्ड रिवार्ड बोनस प्रदान किया जाता है। हर साल बोनस का निर्धारण मानकीकरण समिति की बैठक में होता है। इस बैठक में प्रबंधन और यूनियन के बीच बोनस की रकम को लेकर बार्गेनिंग होती है। 22 सितम्बर को नई दिल्ली में जेबीसीसीबाई- 11 की मानकीकरण समिति की बैठक होने जा रही है। सूत्रों से चता चला है कि सीआईएल प्रबंधन बोनस तय करने के मौजूदा पैटर्न में बदलाव का प्रयास कर सकता है। बताया जा रहा है कि इसके लिए कोल इंडिया लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों का दबाव है। ये निदेशक केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।कहा जा रहा है कि बोनस भुगतान को लेकर हर साल कैग की आपत्ति आ रही है। दरअसल कैग सवाल कर रहा है कि बिना किसी स्कीम निर्धारण के बोनस का भुगतान कैसे किया जा रहा है। पिछली बार सीआईएल प्रबंधन ने बोनस निर्धारिण के मौजूदा पैटर्न में बदलाव का प्रयास किया था, लेकिन यूनियन ने इसे खारिज कर दिया था। बताया जा रहा है कि पीएलआर के लिए योजना बहुत पहले बन जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जेबीसीसीआई की मानकीकरण समिति में बोनस तय करने की परंपरा जो शुरू की गई, वो अब भी जारी है। कोल इंडिया लिमिटेड का वित्तीय वर्ष 2024- 25 में कंसोलिडेट प्रॉफिट 37369.13 करोड़ रुपए था। जबकि 2023- 24 में कंसोलिडेट प्रॉफिट 37302.10 करोड़ रुपए दर्ज किया गया था। यानी 2024- 25 में 2023- 24 के मुकाबले मुनाफे में 5.53 प्रतिशत की गिरावट आई।
बावजूद इसके कोल इंडिया का प्रॉफिट बेहतर रहा है। इस लिहाज से कोयला कामगारों को उम्मीद है कि 2025 का बोनस एक लाख रुपए के पार होगा। 2024 में कामगारों को 93 हजार 750 रुपए बतौर बोनस का भुगतान हुआ था।