पुराना बस स्टैंड मार्ग पर चलना हो रहा मुश्किल, त्योहारी सीजन में चरमरा रही यातायात व्यवस्था
कोरबा। त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। बाजार में सामान खरीदने के लिए लोग शाम को ज्यादा पहुंच रहे हैं इससे शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा रही है। पुराना बस स्टैंड के आसपास हर थोड़ी-थोड़ी देर में सड़क पर जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। छोटी-बड़ी गाड़ियां इसमें फंस रही है। पुराने बस स्टैंड के पास त्योहारी सीजन में रोजाना जाम लग रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण है। फल, गुपचुप-चाट के अलावा अन्य सामान ठेले पर बेचने वाले छोटे कारोबारी सड़क पर चढ़ाकर अपना ठेला लगाते हैं। जिस स्थान पर ठेला लगाते हैं उसके आसपास पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस कारण जब लोग ठेले वाले के पास सामान खरीदने जाते हैं तब अपनी गाड़ी ठेले के सामने लगा देते हैं। इससे आगे-पीछे से आने वाली गाड़ियों को रास्ता नहीं मिलता और धीरे-धीरे सड़क जाम हो जाती है। स्टैंड के आसपास आए दिन ठेले वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। अब ठेले वालों की संख्या ज्यादा हो गई है। इसके अलावा कई अन्य छोटे कारोबारी भी सड़क किनारे दुकान लगाकर अपना सामान बेचते हैं। जिस स्थान पर ये सामान बेचते हैं उसके सामने से छोटी-बड़ी गाड़ियां कोरबा-ट्रांसपोर्ट नगर या कोरबा से चांपा की ओर आना-जाना करती हैं। पुराना बस स्टैंड ही नहीं, पूरे शहर में ठेले वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे ज्यादा ठेले दूसरे प्रदेशों से आकर यहां लगाने वाले लोगों की है। ठेले लगाने को लेकर नगर निगम अमला भी सख्ती नहीं बरत रहा है और इससे ठेले लगाने वालों के हौसले बुलंद हैं। लोग अपनी मनमर्जी से कहीं भी ठेला लगा देते हैं इससे सड़क पर जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। नगर निगम प्रशासन को इस मसले को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। निगम को शहर में ऐसे जगह चिन्हित करना चाहिए जहां ठेले लग सकें और वहां लगने ठेलों की संख्या भी निर्धारित की जानी चाहिए ताकि ज्यादा ठेला लगने से शहर की यातायात व्यवस्था बाधित नहीं हो सके।ऊर्जाधानी की यातायात व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमरा रही है। शहर में ठेले वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और कई दुकानदार अपने दुकानों के सामने भाड़े पर ठेले वालों को जगह दे रहे हैं। इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। आने-जाने में लोगों को दिक्कत आ रही है।
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शहर में पार्किंग की कमी
पुराना बस स्टैंड के आसपास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। बस स्टैंड में ही गाड़ियों की पार्किंग के लिए थोड़ी जगह है। इसके बाद बस स्टैंड से लेकर सीतामणी और बस स्टैंड से पवन टाकीज रेल फाटक तक जगह नहीं है। जबकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सड़क के दोनों ओर छोटी-बड़ी दुकानें हैं, जहां रोजाना बड़ा कारोबार होता है मगर पार्किंग की सुविधा नहीं होने से दुकानदारों के साथ-साथ यहां सामान खरीदने आने वाले ग्राहक भी परेशान होते हैं।