Monday, June 30, 2025

अदानी पॉवर कर रहा स्थानीय ग्रामीणों की उपेक्षा, विधायक राठिया ने दी गेट बंद आंदोलन की चेतावनी

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अदानी पॉवर कर रहा स्थानीय ग्रामीणों की उपेक्षा, विधायक राठिया ने दी गेट बंद आंदोलन की चेतावनी

कोरबा। अदानी पॉवर कंपनी प्रबंधन पर स्थानीय ग्रामीणों की उपेक्षा का गंभीर आरोप लगा है। समस्याओं का निराकरण भी नहीं किया जा रहा है। जिसे लेकर रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया ने प्रबंधन के स्टेशन हेड को समस्या निराकरण का उल्लेखित पत्र लिखा है। 7 दिवस का अल्टीमेटम देते हुए विधायक ने मांग पूरी नहीं होने पर गेट बंद आंदोलन की चेतावनी दी है। विधायक श्री राठिया ने पत्र में कहा है कि अदानी पॉवर के द्वारा स्थानीय लोगों की उपेक्षा एवं समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संयंत्र के इकाई 1 व 2 के लिए सन् 2004-05 में जमीन अधिग्रहण किया गया था। त्रिपक्षीय वार्ता में सहमति बनी थी कि 330 भू-विस्थापित को स्थाई रोजगार दिया जाएगा। कुछ भू-विस्थापित नबालिक होने के कारण पात्र नहीं हो पाए थे। बालिक होने के उपरान्त भी लगभग 12 वर्षों से पात्रता रखने वाले भू-विस्थापितों को गुमराह करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इकाई 3,4,5,6 के लिए सन् 2011-12 में ही जमीन अधिग्रहण किया जा चुका है, आज दिनांक तक न ही किसी को रोजगार दिया गया न किसी प्रकार का भत्ता दिया गया। इकाई 3, 4 के संचालन से पहले भू भू-विस्थापितों, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता कर उनकी समस्याओं एवं स्थाई रोजगार के लिए बैठक कर निराकरण करें। इकाई 1,2 में लगे भू-विस्थापितो कर्मचारियों ने भी बताया है कि अदानी पॉवर के अधिकारियों एवं एक्सकेटिव को माह अप्रैल 2025 में वेतन वृद्धि के साथ इंसेन्टिव (प्रोत्साहन राशि) दिया गया। भू-विस्थापित कर्मचारियों का वेतन वृद्धि किया गया, लेकिन इंसेन्टिव (प्रोत्साहन राशि) नहीं दिया गया। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि अदानी पॉवर के द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों में भेदभाव किया जा रहा है। प्रभावित ग्रामों में सी.एस.आर मद के तहत मूलभूत समस्याओं को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जैसे की शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़, नाली, बिजली, जलस्तर में कमी के कारण बोरवेल, हैंड पंप, तलाब सूख रहें है। बोरवेल एवं हैंड पंप का पानी पीने योग्य नहीं है। अदानी पॉवर के द्वारा किसी प्रकार के जनहित कार्य नहीं किए जा रहे हैं। इकाई 3,4 के प्रोजेक्ट में काम कराने के लिए अन्य राज्यों से थोक में मजदूर लाया गया है। जिनकी संख्या लगभग 7-8 हजार के आस-पास है। जिनको बिना चरित्र सत्यापन के रखा गया है। अगर किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होता है तो उसका जिम्मेदार कौन रहेगा। प्रभावित ग्रामों के साथ आस-पास के शिक्षित युवा बेरोजगारों को अदानी पॉवर के द्वारा उनके योग्यता के अनुसार काम नहीं दिया जा रहा है। अन्य राज्यों के लोगो को लाकर भर्ती कराया जा रहा है। जिससे ऐसा लगता है कि अदानी पॉवर सिर्फ अपने फायदे के लिए काम कर रहा है। विधायक का कहना है कि अदानी पॉवर के अधिनस्थ निम्न कंपनीयों को ठेका दिया गया है। जिसमें ठेका श्रमिकों को शासन के द्वारा निर्धारित पे-स्केल से भुगतान नहीं किया जा रहा है। एवं श्रमिकों से बिना ओवर टाईम के बारह-बारह घण्टे काम कराया जा रहा है। जिससे श्रमिकों में मानसिक तनाव के कारण दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा का स्लोगन अदानी पॉवर को भा गया है। जिसके कारण स्थानीय को छोडक़र अन्य राज्य के लोगों को प्राथमिकता दिया जा रहा है। अगर अदानी पॉवर लिमिटेड कोरबा के द्वारा स्थानीय बेरोजगारों को काम में नहीं रखा जाता एवं मूलभूत कार्यों को ध्यान नहीं दिया जाता है तो स्थानीय जनप्रतिनिधि, यूनियन, ग्रामीणों के साथ प्लांट गेट को बन्द करने के लिए बाध्य रहेंगे। विधायक ने 7 दिवस के भीतर मांगों के निराकरण की मांग की है।

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