अनुराग ने पॉवर लिफ्टिंग में तीन गोल्ड व एक सिल्वर मेडल किया हासिल
कोरबा। विगत 7 25 जून 2023 बर्लिन जर्मनी में स्पेशल ऑलिम्पिक्स द्वारा आतर्राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया। विश्वभर से करीब 200 देशों से 7000 मानसिक दिव्यांग खिलाड़ीयों ने भाग लिया। 18 दिनों से चल रहे इस महाकुंभ में 26 प्रकार के खेल हुए, जिसमें भारत देश से 198 खिलाडीया व 57 कोच ने भाग लेकर 202 स्वर्ण, रजत, बांझ पदक पाकर देश का गौरव बढाया छत्तीसगढ़ राज्य दर्ग जिले के मानसिक दिव्यांग मास्टर अनुराग ने प्रतिनिधित्व किया। पावर लिंफटिंग में अनुराग प्रसाद न 3 गोल्ड, 1 सिलवर मेडल प्राप्त किया। अनुराग प्रसाद की मां पुष्पा देवी आज बहुत खुश है। उनका कहना है कि ये उनके बेटे का पहला अंतर्राष्ट्रीय खेल है जिसमें उसने 3 स्वर्ण और रजत पदक जीता है। अनुराग प्रसाद की मां की ने जानकारी देते हुए बताया की उसके बेटे को तीन साल की उम्र से दौरे पडत थे पांच साल तक दवा ली फर्क नही पड़ा तो उसे भिलाई के मुस्कान स्पेशल स्कूल में दाखिला करवाये। दाखिले बाद से व्यवहार में परिवर्तन आ गया वह आसपास के चीजों को उठाकर फेंकने लगा। दीवार पर सिर मारकर खुद को भी घायल कर लेता था मां पुष्पा बेहद फिक्रमंद थी। के मेरे बेटे का क्या होगा। तब पावर लिफ्टिंग के कोच श्री सूरज ने खेलो में लाने की सलाह दी। खेल में आते ही अनुराग म बदलाव अने लगा और आज वह 30 साल की उम्र में बर्लिन जर्मनी 3 स्वर्ण और रजत पदक जीता। कोच सूरज का कहना है कि अनुराग की भार उठाने की क्षमता अन्य खिलाड़ीयों से अधिक है। मां का कहना है कि अनुराग बर्लिन जाने से पहले वह इतना खुश था कि मुझे भय लग रहा था कि कहीं अगर पदक न मिले तो कहीं ये निराश न हो जाये और हालात फिर न बिगड जाए लेकिन हमें खुशी है कि उसने सपने को पूरा किया जो रिशतेदार उससे दूर-दूर रहते थे। अब आकर उसे गले लगा रहे हैं। दरासल खेल ने उसकी जिंदगी ही बदल दी हमने उसे ऐसा माहौल गुहैया कराया, जिसमें वह दूसरों से ज्यादा घुले मिले। आज वह आम इंसान जैसा है। इससे पहले छत्तीसगढ़ राज्य से कोरबा जिला के अंकुर विशेष विद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय खेल में वर्ष 2005 शंघाई (चाईना) में स्कूल की छात्रा मधुलीका सिंह द्वारा बैडमिन्टन खेल में ब्रांझ मेडल से सम्मानित हुई, वर्ष 2011 एथेन्स (ग्रीस) साईकिल खेल में मास्टर योगेन्द्र श्रीवास 1 गोल्ड, 1 सिल्वर 1 ब्रांझ मेडल से सम्मानित हुआ एवं वर्ष 2019 आबुधाबी में 200 मी. दौड़ में मास्टर लोकेश कुमार चन्द्रवंशी ने गोल्ड मेडल व ललीता उरांव ने चौथा स्थान प्राप्त किया था। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य से कई दिव्यांग बच्चों ने जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय खेल में भाग लेकर अपने देश व राज्य का नाम रोशन किया। विगत 22 वर्षो में स्पेशल ऑलिम्पिक्स भारत छत्तीसगढ़ ने राज्य भर से करीब 16499 एथलिट 2800 कोचेस व 5000 वालेटियर्स तैयार किया है। खिलाडीयों एवं कार्यक्रम को मार्ग दर्शक छत्तीसगढ़ राज्य से श्रीमती अरूंधती कुलकर्णी, अध्यक्ष प्रमोद कुमार तिवारी क्षेत्रीय निदेशक, एव दिनेश चौहान, प्रोग्राम मैनेजर स्पेशल ऑलिम्पिक्स भारत छत्तीसगढ़ का विशेष योगदान रहा।