Saturday, March 15, 2025

एकाएक मौसम परिवर्तन से ग्रीष्मकालीन फसलों को नुकसान

Must Read

एकाएक मौसम परिवर्तन से ग्रीष्मकालीन फसलों को नुकसान

कोरबा। एकाएक मौसम में बदलाव आने के कारण ग्रीष्मकालीन फसलों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। धान की फसल गर्म मौसम में उगने वाली फसल है। ऐसे मौसम में ठंड पडऩे से धान की पौधों की जड़ें खराब होने की संभावना जताई जा रही है। अंचल में एक बार फिर ठंड की वापसी हो गई है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है और धान फसलों के पौधों के ग्रोथ बढाने के लिए खाद – दवा का छिडकाव करने लगे हैं। रबी सीजन के तहत प्राय: सभी गांवों में धान की फसल लगा हुआ है। दो सप्ताह पहले धान पौधों की रोपण के बाद अचानक ठंड बढ़ जाने से किसानों को चिंता सताने लगी है। किसानों का कहना है कि लगातार ठंड की स्थिति बना रहने के कारण धान पौधों में ग्रोथ नहीं ले पा रहे है। अब तक धान फसलों के मात्र 8 -10 इंच के पौधे बन पाएं है। ऐसे में धान पौधों में जो ग्रोथ विकास होना चाहिए था, वह कड़ाके की ठंड पडऩे से नहीं हो पा रहा हैं। चूंकि ग्रीष्मकालीन धान फसल के लिए 110 अवधि वाले किस्म का बोआई किया गया है और भू-जल स्तर की स्थिति को देखते हुए कम अवधि में तैयार होने वाले धान की फसल का चयन किया जाता है। पूरे क्षेत्र के किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान फसल में रोपण व लेई विधि से किया गया है। फिलहाल मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण धान फसल प्रभावित हो रहा है।
बॉक्स
फसलों में तनाछेदक का दिख रहा प्रकोप
धान की फसलों में तनाछेदक का प्रकोप दिखने लगा है। धान पौधों के पत्तों में चितकबरा जैसे लक्षण है। इससे किसानों को धान की शुरुआत में दवा का छिडक़ाव करना पड़ रहा है। वैसे तो ग्रीष्मकालीन फसल में रोग – व्याधि नहीं लगता है लेकिन इस बार मौसम में बार – बार बदलाव के चलते रोग पनपने लगा है।

Loading

Latest News

वनोपज सहकारी यूनियन ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन का किया स्वागत

वनोपज सहकारी यूनियन ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन का किया स्वागत कोरबा। जिला पंचायत सदस्य के रूप में ऐतिहासिक...

More Articles Like This