करोड़ों की लागत से बने फुट ओवरब्रिज को तोडऩे की तैयारी, पिछले 10 वर्षों में उपयोगहीन साबित हो रहा एफओबी
कोरबा। दीपका कॉलोनी और प्रगति नगर कॉलोनी को जोडऩे के लिए करोड़ों की लागत से बने फुट ओवरब्रिज की उपयोगिता पिछले 10 वर्षों में उपयोगहीन साबित हुई है। गलत योजना, कमजोर प्लानिंग और डिजाइन की खामियों ने इस प्रोजेक्ट को असफल बना दिया। अब इसे तोडऩे की तैयारी शुरू हो गई है।
2012 में एसईसीएल गेवरा क्षेत्र द्वारा करीब 1.42 करोड़ रुपये की लागत से यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जिसकी कीमत बढक़र 1 करोड़ 75 लाख रुपये हो गई। 2015 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ, लेकिन ब्रिज कभी भी आम नागरिकों के लिए उपयोगी साबित नहीं हुआ। कॉलोनी में बने इस ब्रिज ने निवासियों के वाहनों की आवाजाही को बाधित किया। कई स्थानों पर लोगों को घुटन और परेशानी महसूस हुई। लंबाई अधिक होने कारण लोग इसमें जाना पसंद नहीं करते थे। करोड़ों का एफ ओ बी आखिरकार यह सफेद हाथी बन कर रह गया। शाम और सुबह के समय यह ब्रिज धूम्रपान, मदिरापान और अन्य अनैतिक कार्यों का अड्डा बन गया था। युवा प्रेमी जोड़ों का ठिकाना बनने से आम लोगों ने इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। दीपका चौक से थाना चौक तक नए ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए पुराने फुट ओवरब्रिज को डिस्मेंटल करने इसे तोड़ा जाना है। इस परियोजना की असफलता न केवल धन का अपव्यय हुआ बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और गलत प्लानिंग के कारण करोड़ों रुपये खर्च हो गए। यह ब्रिज जनता की सुविधा के बजाय असुविधा का कारण बना। जिसे आम जनता की उम्मीद टूट गई।