कोरोना काल से बंद यात्री सुविधाओं को बूस्टर डोज की दरकार, गेवरारोड रेलवे स्टेशन से ज्यादातर यात्री ट्रेनें हैं बंद
कोरबा। कोरोना काल के बाद गेवरारोड रेलवे स्टेशन से ज्यादातर यात्री सुविधाएं बंद हो गई। अब भी गेवरारोड से दो ट्रेनें चल रही है, लेकिन इन ट्रेनों से नियमित रुप से सफर करने वाले यात्रियों के लिए पार्किंग की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में यात्रियों को अपनी दो पहिया व चार पहिया वाहनों को सुरक्षित खड़ी करने के लिए परेशान होना पड़ता है। मजबूरी में उन्हें कोरबा रेलवे स्टेशन से सफर करना पड़ रहा है। गेवरारोड से कोरोना काल में रद्द की गई ट्रेनों में से लगभग आधा दर्जन यात्री ट्रेनें अब भी रद्द है। कोयलांचल क्षेत्र के यात्री रेल सफर को लेकर काफी परेशान हो रहे हैं। लेकिन प्रबंधन इसे लेकर गंभीर नहीं है। हाल ही में उरगा-कुसमुंडा रेल लाइन पर मालगाड़ी परिचालन के बाद से रद्द ट्रेनों को एक बार फिर से यात्रियों में उम्मीदें बढ़ गई है और यात्री ट्रेनों को नियमित रूप से चलाने की मांग कर रहे हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल अंतर्गत रेलवे प्रबंधन ने उरगा-कुसमुंडा तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर सोमवार को 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से मालगाड़ी का एमटी रैक परिचालन शुरू हो गया है। प्रबंधन की ओर से इस रेल लाइन पर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई जाएगी और कोयला लदान इसी रेल लाइन से किया जाएगा। इससे कुसमुंडा-कोरबा रेल लाइन पर कोयला लोड मालगाड़ी का दबाव कम होगा। इससे गेवरारोड स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों की उम्मीदें बढ़ गई है। अब गेवरारोड स्टेशन से कोरोना काल के पहले चल रही सभी यात्री ट्रेनों के परिचालन की मांग कर रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि गेवरारोड रेलवे स्टेशन से रायपुर के लिए एक और बिलासपुर के लिए दो ही ट्रेन चल रही है। जबकि कोविड काल से पहले कोरबा से रवाना होने वाली सभी पैसेंजर और लोकल ट्रेनें गेवरारोड स्टेशन से चलती है। लेकिन वर्तमान में दो ट्रेनों को छोड़कर सभी गाड़ियां कोरबा से ही वापस लौट रही है। इसकी वजह से सफर करने के लिए उन्हें कोरबा रेलवे स्टेशन तक की दौड़ लगानी पड़ रही है।