खेतों में गिरे टावर को नहीं हटाया,किसानों ने किया हंगामा,नहीं कर पा रहे हैं खेती किसानी, किसानों में आक्रोश
कोरबा। मानसून के आगमन के साथ खेती किसानी का काम शुरू हो चुका है। मगर दूसरी ओर पाली क्षेत्र के किसान खेती किसानी का काम नहीं कर पा रहे हैं। आंधी तूफान से गिरे उच्च दाब क्षमता टावर का अभी तक सुधार कार्य नहीं हो सका है। इससे किसान अपनी जमीन पर धान बोआई नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें खेत और पेडो का मुआवजा भी नही मिल पाया है, इससे किसानों में नाराजगी व्याप्त है, क्योंकि खेती करने का समय गुजर रहा है। इसे लेकर किसानों ने हंगामा किया। उनका कहना है कि खेत में तार गिरने की वजह से दूसरी तरफ ट्रैक्टर नहीं जा पा रहा है और खेत में धान बुआई करते नहीं बन रहा है। अभी तक किसानों को मुआवजे के तौर पर कुछ भी नहीं मिला है। खेतों के ऊपर से उच्च दाब क्षमता तार के गुजरे हैं, जो खेत में गिर गया हैं। नया तार लगाने और गिरे हुए तार नही हटाने की वजह से किसानों को काफी दिक्कत हो रही है। किसानों ने बताया कि हाईटेंशन टावर गिरने से खेत समेत पेड़ पौधा बर्बाद हो गए हैं। खेत में लगे 15 पलाश के पेड़ तार गिरने से नष्ट हो गए। हर वर्ष लाख की खेती कर 25 से 30,000 की बिक्री कर रहा था जो अब बर्बाद हो गया है। इस बार उम्मीदों में पानी फिर गया है। प्रकृति की मार से परेशान किसानों पर मुआवजे का मरहम कब लगेगा और किसान कैसे इसका फायदा उठा सकते हैं। उनका कहना है कि पेड़ समेत खेती नुकसान का दर्द झेलने वाले किसानों की मदद करने के लिए सरकार की ओर से आपदा के तहत मुआवजा देने का प्राविधान है। किसानों को इस योजना के जरिए लाभ देने में लेटलतीफी किया जा रहा है। इससे किसान असमंजस में है। पेड़ का रिपोर्ट तैयार की गई है,पर खेतों का पटवारी द्वारा प्रकरण नहीं बनाया गया है। किसान खेती करें या पटवारी से काम कराने के लिए चक्कर काटते रहें।