जंगल के बीच संजीवनी एक्सप्रेस में गूंजी किलकारी, ईएमटी ने परिजनों की मदद से कराया सुरक्षित प्रसव
कोरबा। जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर लेमरू क्षेत्र की रहने वाली एक प्रसूता ने प्रसव पीड़ा के चलते 108 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। महिला और नवजात दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेमरू निवासी राजेंद्र कुमार की पत्नी 30 वर्षीय नईहारो बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिस पर परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया। एंबुलेंस से उन्हें जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में गढ़कटरा मुख्य मार्ग पर अस्पताल से लगभग 25 किलोमीटर दूर जंगल के बीच अचानक प्रसव पीड़ा तेज हो गई। एंबुलेंस में मौजूद ईएमटी रामेश्वरी कंवर और चालक कोमल ने तुरंत वाहन को सड़क किनारे रोककर परिजनों की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया। प्रसव के बाद माँ और बच्चे को जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। नईहारो बाई ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। परिजनों ने बताया कि यह उनका तीसरा बच्चा है। परिवार ने एंबुलेंस कर्मियों को समय पर मदद और हिम्मत दिखाने के लिए धन्यवाद दिया। ईएमटी रामेश्वरी कंवर ने बताया कि महिला की हालत ऐसी थी कि उसे अस्पताल तक ले जाना मुश्किल था। परिजनों की सहमति से रास्ते में ही सुरक्षित प्रसव कराया गया। यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार 108 एंबुलेंस में प्रसव की घटनाएँ हो चुकी हैं। ईएमटी की तैनाती होने से अब ऐसी आपात स्थितियों में जच्चा-बच्चा की जान सुरक्षित रखी जा रही है।
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