टेक्नोलॉजी के सहारे चोरियों पर अंकुश लगा रहा एसईसीएल, डीजी कोल साबित हो रहा है कारगर
कोरबा। एसईसीएल को प्रोजेक्ट डिजीकोल के माध्यम से खदान क्षेत्रों में डीजल चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने में सफलता मिल रही है। एसईसीएल विजिलेन्स विभाग के नेतृत्व में कंपनी के मेगाप्रोजेक्ट्स गेवरा, दीपका और कुसमुंडा में पिछले एक महीने में 12 ऐसे मामलों का पता लगाया गया है। सभी प्रकरणों में संबंधित विभागों को जाँच के आदेश दिए गए हैं। इन सभी प्रकरणों में एसईसीएल प्रबंधन द्वारा एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। प्रोजेक्ट डिजीकोल के तहत डंपरों में लगाए गए उन्नत सेंसर असामान्य रूप से डीजल कम होने की स्थिति में तुरंत अलर्ट जारी करते हैं। यह अलर्ट व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को भेजा जाता है, जिससे त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होती है। डीजल चोरी के प्रकरणों में एसईसीएल प्रबंधन जिले पुलिस के साथ मिलकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की पहल कर रही है। डीजल चोरी पर रोक लगाने के लिए एसईसीएल ने सख्त रवैया अख़्तियार किया है तथा दोषी ड्राइवरों, ऑपरेटरों, कर्मचारियों या अधिकारियों पर कड़े एक्शन की तैयारी है। एसईसीएल विजिलेंस की टीम लगातार मेगा प्रोजेक्ट का दौरा कर रही है तथा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। प्रोजेक्ट डिजीकोल के तहत खदानों को डिजिटल बनाने कदम उठाए गए हैं। जिसके तहत सुरक्षा कवच की मदद ली जा रही है। सुरक्षा कवच एक एसओएस उपकरण, जो श्रमिकों को आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए कॉल करने की सुविधा देता है। ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से खदानों की फोटोग्राफी और जोखिम-ग्रस्त क्षेत्रों का विश्लेषण बिना मानव हस्तक्षेप के किया जा रहा है।टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म नवीनतम उद्योग रुझानों पर आधारित मॉड्यूल के साथ एकीकृत प्रशिक्षण प्रणाली है जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है।